कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप-मर्डर केस पर अब तक कोई फैसला नहीं आया है. इतने दिनों की जांचे के बाद भी आरोपियों को सजा नहीं मिली है. अब इसी क्रम में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने वादा करने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं की, जिसके बाद उन्हें अब आमरण अनशन का रास्ता अपनाना पड़ा है.
सरकार को दी थी 24 घंटे की मोहलत
आपको बता दें कि जूनियर डॉक्टर धर्मतला में स्थित डोरीना क्रॉसिंग पर शुक्रवार को धरने पर बैठे थे और उन्होंने राज्य सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था. अनशन कर रहे डॉक्टर्स का कहना है'राज्य सरकार समय सीमा के भीतर हमारी मांगें पूरी करने में विफल रही, इसलिए हम अपनी मांगें पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं. इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हमने उस मंच पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जहां हमारे साथी अनशन करेंगे.हम वादे के मुताबिक काम पर लौटेंगे, लेकिन कुछ खाएंगे नहीं. फिलहाल 6 जूनियर डॉक्टर अनशन शुरू कर रहे हैं. धीरे-धीरे डॉक्टर उनके साथ जुड़ते जाएंगे.'
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'हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं'
आपको बता दें कि, 17 सितंबर को जूनियर डॉक्टर्स और ममता सरकार की मीटिंग हुई थी जिसमें सरकार ने उनकी शर्तें मान ली थी. इस मीटिंक के बाद कई दिग्गजों को उनके पद से हटा दिया गया था. पांच में से तीन मांगों के लिए ममता सरकार ने हामी भरी थी, और इसी के साथ डॉक्टर्स से काम पर लौटने की मांग की गई थी.
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