कोलकाता रेप-मर्डर केस: मनोवैज्ञानिक के बाद अब आरोपी का पॉलीग्राफी टेस्ट कराएगी CBI, कोर्ट से मिली इजाजत

Written By रईश खान | Updated: Aug 19, 2024, 07:15 PM IST

Kolkata Rape Murder Case

Kolkata Rape-Murder Case: सीबीआई को शक है आरोपी संजय रॉय कुछ छिपा रहा है. उसके बयानों में विरोधाभास है. पॉलीग्राफी टेस्ट के जरिए उसकी सच्चाई सामने आ जाएगी.

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या के मामले में सीबीआई की जांच तेज होती जा रही है. सीबीआई को इस मामले में आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की इजाजत मिल गई है. जांच एजेंसी ने कोर्ट में अर्जी दायर कर आरोपी का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है. इससे पहले संजय रॉय का मनोवैज्ञानिक टेस्ट हो चुका है. 

सीबीआई को शक है कि आरोपी संजय रॉय कुछ छिपा रहा है. उसके बयानों में विरोधाभास है. इसलिए इस टेस्ट की वजह उसकी सच्चाई सामने आ जाएगी. दरअसल, पॉलीग्राफी टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जाता है कि अपराधी सच बोल रहा या झूठ. इस टेस्ट को साइकोलॉजीकल ऑटोप्सी कहते हैं. इसमें पॉलीग्राफी टेस्ट कराने वाले की दिमाग की साइकोलॉजी के बारे में पता चलता है.

डॉक्टर रेप-हत्या मामले में संजय रॉय मुख्य आरोपी है. जिसे पुलिस ने घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी के पॉलीग्राफी टेस्ट के बाद उसे कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. सीबीआई अस्पताल के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष का भी पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है. जिसके लिए जल्द ही कोर्ट में अर्जी दायर की जा सकती है.


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पूर्व प्रिसिंपल से की पूछताछ
सीबीआई के अधिकारियों ने सोमवार को लगातार चौथे दिन RG Kar मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष से महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना की जांच के सिलसिले में पूछताछ की. घोष को सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय बुलाया गया. अधिकारी के मुताबिक, घोष से पूछा गया कि डॉक्टर की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका क्या थी, उन्होंने किससे संपर्क किया और पीड़िता के माता-पिता को करीब 3 घंटे तक इंतजार क्यों कराया गया.

पूर्व प्रिसिंपल से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन इमारत (इमरजेंसी बिल्डिंग) में संगोष्ठी कक्ष के पास के कमरों की मरम्मत का आदेश किसने दिया था. सीबीआई अधिकारियों ने शुक्रवार से पिछले तीन दिनों में घोष से कई घंटों तक पूछताछ की है. 

कॉल डिटेल और Whatsapp चैट की जांच
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी घोष के मोबाइल फोन की ‘कॉल लिस्ट’ के रिकॉर्ड के साथ-साथ उनकी व्हाट्सएप ‘चैट लिस्ट’ की भी जांच कर रहे हैं. हड्डी रोग विशेषज्ञ घोष ने 9 अगस्त को डॉक्टर का शव मिलने के 2 दिन बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया था.

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