Kolkata Rape-Murder: आरजी कर हॉस्पिटल के इलाके में 7 दिनों के लिए धारा 163 लागू, जानिए क्यों लिया गया ये फैसला

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Aug 18, 2024, 07:17 AM IST

PHOTO-PTI

अस्पताल के डॉक्टरों और मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर उस इलाके में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी है. ये धारा फिलहाल सात दिनों के लिए लागू की गई है. इस एक्शन का एक बड़ा मकसद वहां पर अवैध रूप से जमा हो रही भीड़ को रोकना भी है.

कोलकाता के आरजी कर कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर सीबीआई की तरफ से जांच की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ इस मामले को लेकर राजनीतिक घमासान छाया हुआ है. साथ ही हॉस्पिटल पर हुए हमले और इलाके में बढ़ती भीड़ को लेकर पुलिस ने एक बड़ा एक्शन लिया है. कोलकाता पुलिस ने अस्पताल के डॉक्टरों और मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर उस इलाके में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी है. ये धारा फिलहाल सात दिनों के लिए लागू की गई है. इस एक्शन का एक बड़ा मकसद वहां पर अवैध रूप से जमा हो रही भीड़ को रोकना है. आपको बताते चलें कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अंतर्गत बीएनएसएस की धारा 163 पहले सीआरपीसी की धारा 144 कहलाती थी. 


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IMA ने की थी अस्पतालों को सेफ जोन घोषित करने की मांग
IMA की तरफ से दो दिन पहले ही इस मामले को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल की गई थी. जिसमें अस्पताल और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार से मांग की गई थी. इस दौरान अस्पतालों को सेफ जोन घोषित करने की भी मांग उठाई गई थी. IMA की तरफ से इस मामले को लेकर एक लेटर भी लिखा गया था.

IMA की तरफ से जारी हुआ था लेटर 
इस लेटर में लिखा गया कि '9 अगस्त को हुई आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना से पूरी मेडिकल बिरादरी और पूरा राष्ट्र सदमे में है. साथ ही 15 अगस्त को हॉस्पिटल के भीतर भीड़ की तरफ से तोड़फोड़ की गई, इस हमले के दौरान हॉस्पिटल के कई एरिया में तोड़फोड़ की गई. ऐसे हमलों के दौरान डॉक्टरों, खासकर महिला डॉक्टरों के साथ हिंसा की घटनाएं होती है. हॉस्पिटल के भीतर डॉक्टरों की सुरक्षित प्रदान करने का कार्य अधिकारियों का है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में हुए हमले ने डॉक्टरों पर होने वाली हिंसा को सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया है.' 

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