Kota Suicide: क्यों 'सुसाइड हब' बन रहा कोटा? 9 महीने में 26वीं मौत, छात्रा ने खाया सल्फास

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 19, 2023, 12:27 PM IST

Suicide

Kota Suicide News: कोटा में सुसाइड करने वाली छात्रा उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी. छात्रा ने जहरीला पदार्थ सल्फास खाकर अपनी जान दे दी.

डीएनए हिंदी: राजस्थान के कोटा में छात्रों के सुसाइड (Kota Suicide) के मामले रुक नहीं रहे हैं. विज्ञान नगर इलाके में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही एक छात्रा ने सोमवार को अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि छात्रा प्रियास सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

पुलिस उपाधीक्षक धर्मवीर सिंह के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मऊ की रहने वाली प्रियास 12वीं कक्षा की छात्रा थी और कोटा में एक कोचिंग संस्थान में नीट-यूजी की तैयारी कर रही थी. छात्रा विज्ञान नगर इलाके में एक हॉस्टल में रहती थी. उन्होंने बताया कि प्रियास ने सोमवार दोपहर अपने कमरे में कथित तौर पर जहर खा लिया और जब उसे उल्टी होने लगी तो हॉस्टल की अन्य लड़कियां उसे अस्पताल लेकर गईं. उन्होंने बताया कि करीब तीन घंटे बाद शाम को छात्रा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

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कोटा में सुसाइड का 26वां मामला
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. सुसाइड वाले कमरे को सील कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रियास के आत्महत्या करने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जो छात्रा के माता-पिता के आने पर किया जाएगा और उन्हें घटना की सूचना दे दी गई है. प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां कोचिंग में पढ़ाई करने वाले छात्रों के आत्महत्या करने का इस साल यह 26वां मामला है.

कैसे रुकेंगी छात्रों की आत्महत्याएं
कोटा में एंटी सुसाइड फैन लगाने के बावजूद भी छात्रों की आत्महत्याएं रुक नहीं रही हैं. 28 अगस्त 2023 को दो छात्रों की आत्महत्या के बाद प्रशासन ने हर हॉस्टल और कोचिंग संस्थान में एंटी सुसाइड फैन लगावाए थे. लेकिन छात्र अब फैन की जगह दूसरे रास्ते अपना रहे हैं.

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इसलिए कोटा में पंखे बदलने से ज्यादा कोचिंग सेंटर के हालात बदलना है. छात्रों के लिए ऐसा माहौल बनाया जाना चाहिए, जहां कामयाबी के साथ असफलता बर्दाश्त करने की भी क्षमता हो. जहां परीक्षा में फेल होने पर सब कुछ खत्म हो गया छात्रा ऐसा नहीं समझें. छात्रों के लिए परिजनों का सपोर्ट भी मिलना जरूरी है. क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर हम सफल नहीं हुए तो हमारी घर की आर्थिक स्थिति कैसे बदलेगी या परिवार, समाज के लोग यह कहकर ताना मारेंगे कि इतना पैसा खर्च किया फिर भी कामयाब नहीं हुआ.

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