डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता प्रोजेक्ट को एक और बड़ी झटका लगा है. मादा चीता धीरा की मंगलवार को मौत हो गई. धीरा की मौत किसी बीमारी के कारण नहीं हुई है, बल्कि एक अन्य चीते से उसकी झड़प हो गई थी. दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लागए गए ये तीसरे चीते की मौत है. इससे पहले कूनो नेशनल पार्क में दो चीते दम तोड़ चुके हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, नर चीता वायु, फिंडा और अग्नि की मादा चीता धीरा से लड़ाई हो गई थी. जिसमें धीरा बुरी तरह जख्मी हो गई. इसी में धीरा ने दम तोड़ दिया. इससे पहले कूनो नेशनल पार्क में 23 अप्रैल को छह साल के 'उदय' नाम के चीते की मौत हो गई थी.
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कूनो नेशनल पार्क में अब कुल 17 चीते बचे
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक तीन दम तोड़ चुके हैं. कूनो नेशनल पार्क में सबसे पहले मादा चीता शासा की मौत हुई थी. शासा कूनो नेशनल पार्क मौसम में ढल नहीं पाई और बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई. अब सिर्फ 17 चीते ही बचे हैं.
चीतों को जंगल में छोड़ने की तैयारी
जून में मानसून की बारिश शूरू होने से पहले कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बाड़े से बाहर खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी है. कूनो नेशनल पार्क के सूत्रों ने बताया कि जून के अंत तक साउथ अफ्रीका से लाए गए सबी चीतों को जंगल में छोड़ दिया जाएगा. 70 साल पहले विलुप्त हो चुके चीतों को भारत में आबाद करने के प्रयासों के तहत कूनो नेशनल पार्क के मुक्त घूमने वाले क्षेत्रों में 5 और चीते को सेफ एनक्लोजर से छोड़ने के लिए तैयार हैं.
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