डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद हुए पहले चुनाव में बीजेपी को झटका लगा है. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने कारगिल में लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय परिषद के चुनावों में बीजेपी को बड़े अंतर से हराया है. इन चुनाव नतीजों ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के लिए क्षेत्र में उम्मीद की किरण जरूर दी है. 26 सीटों वाली लद्दाख परिषद के चुनाव में वोटों की गिनती जारी है. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने अब तक बड़ी बढ़त बना ली है. 22 सीटों के नतीजे घोषित किए गए हैं उनमें से कांग्रेस ने 8 और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 11 सीटों पर जीत हासिल की है. बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत मिली है. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की है.
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद यह पहला चुनाव था और इस लिहाज से नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण भी है. चुनाव नतीजों पर प्रदेश की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्तीने भी खुशी जाहिर की है. फिलहाल 22 सीटों पर नतीजे घोषित किए गए हैं और इसके बाद वोटिंग अधिकार रखने वाले चार सदस्यों को उपराज्यपाल बाद में नामित करेंगे. 30 सदस्यीय LAHDC की 26 सीटों के लिए चुनाव 4 अक्टूबर को हुए थे.
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गठबंधन में लड़ा था कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच चुनाव के चुनाव से पहले गठबंधन हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख प्रशासन को करगिल क्षेत्र में पांचवें एलएएचडीसी के चुनाव के लिए निर्देश दिया था. इसके बाद चुनाव प्रक्रिया हुई और 4 अक्टूबर को मतदान किया गया था. इस चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने जीत दर्ज की है. महबूबा मुफ्ती ने इन चुनाव नतीजों पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि कांग्रेस और एनसी जैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों की जीत प्रदेश के लिए खुशी की बात है.
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BJP को बड़ा नुकसान नहीं
करगिल क्षेत्र की बात करें तो यहां बीजेपी की स्थिति पहले भी ज्यादा मजबूत नहीं रही है और इस लिहाज से इसे बड़ा नुकसान नहीं कह सकते हैं. पिछली बार बीजेपी के एक पार्षद की जीत हुई थी और पीडीपी के दो पार्षद बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस बार बीजेपी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की है. लोकसभा चुनाव में सीटों के लिहाज से यह क्षेत्र इतना बड़ा नहीं है और लद्दाख से एक सीट है. जम्मू और कश्मीर अब राज्य नहीं संघ शासित प्रदेश बन चुके हैं. हालांकि, गठबंधन की जीत ने आगे लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को मानसिक बढ़त जरूर दी है.
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