डीएनए हिंदी: लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलकर मारने के आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ 8 सप्ताह के लिए जमानत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत की अवधि के दौरान वह उत्तर प्रदेश और दिल्ली में नहीं जा सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत मिलने के एक सप्ताह के अंदर आशीष मिश्रा को यूपी छोड़ देना होगा. वह जिस भी जगह जाए, इसकी जानकारी कोर्ट और पुलिस को देनी होगा. केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा की कई जमानत याचिकाएं ठुकराई जा चुकी हैं.
लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश की SIT ने एक चार्जशीट तैयार की थी. चार्जशीट में गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया है. SIT ने चार्जशीट में यह भी कहा था कि घटना के समय वह मौके पर मौजूद था. इस मामले में उनके एक रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ला को भी आरोपी बनाया गया है.
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गवाहों पर डाला दबाव तो कैंसल होगी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते की जमानृत दी है. साथ ही, आशीष मिश्रा को निर्देश दिए गए हैं कि वह जहां भी जाए अपनी लोकेशन कोर्ट को बता दे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आशीष मिश्रा या उसके परिवार के किसी भी शख्स ने गवाहों को प्रभावित करने या ट्रायल में देरी करने की कोशिश की तो जमानत तुरंत कैंसल कर दी जाएगी.
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क्या है पूरा मामला?
3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में हिंसा में चार किसानों समेत 8 लोगों को मौत हो गई थी. हिंसा की जांच के लिए गठित एक विशेष जांच दल (SIT) ने मामले में 12 अन्य आरोपियों की पहचान की थी और उन्हें गिरफ्तार किया था. आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत सभी 13 आरोपियों के खिलाफ जांच चल रही है.
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