2024 से पहले JDU में बड़ा बदलाव, ललन सिंह का अध्यक्ष पद से इस्तीफा, नीतीश कुमार ने संभाली कमान

Written By रईश खान | Updated: Dec 29, 2023, 01:33 PM IST

ललन सिंह के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार बने जेडीयू के नए अध्यक्ष

Lalan Singh Resign: ललन सिंह ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में खुद नीतीश कुमार का नया अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा.

डीएनए हिंदी:  2024 लोकसभा चुनाव से पहले जनता दल (यूनाइटेड) में बड़ा बदलाव हुआ है. दिल्ली में चल रही जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. ललन सिंह के इस्तीफ के बाद बैठक में नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मान लिया गया. अब सीएम नीतीश कुमार पार्टी के अध्यक्ष होंगे. हालांकि इसका अभी आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.

ललन सिंह ने इस्तीफा देने से पहले अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा, 'चुनाव में अपनी सक्रियता के चलते में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं और नीतीश कुमार का नाम नए अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी हित के लिए काम करता हूं और आगे भी करता रहूंगा.' इस्तीफा से पहले ललन सिंह सीएम नीतीश कुमार के साथ गाड़ी में बैठकर जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.

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ललन सिंह के इस्तीफे के बाद जेडीयू नेताओं का कहना है कि हमारे नेता जो फैसला लेंगे हम उनके साथ हैं. बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ललन सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ना है, इसलिए उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है. वहीं, जब उनसे ललन सिंह के बीजेपी में जाने की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ये सब बेवजह की अफवाएं हैं.

कौन हैं ललन सिंह?
ललन सिंह का असली नाम राजीव रंजन सिंह है. बिहार की राजनीतिक में सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह की दशकों को से सक्रिय भूमिका रही है. जुलाई 2021 में ललन सिंह को जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. आरसीपी सिंह को हटाकर ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी गई थी. इससे पहले वो जेडीयू के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

ललन सिंह को नीतीश के काफी करीबी माना जाता है. ललन सिंह ने भी अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी. वो बिहार के प्रभावी सवर्ण भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं. लालू यादव, नीतीस कुमार और सुशील मोदी तरह ललन सिंह भी जेपी आंदोलन से जुड़े थे. साल 1970 के दशक में जयप्रकाश नारायण ने केंद्र की इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ नारा दिया था. इस आंदोलन के बाद बिहार में कर्पूरी ठाकुर की सरकार बनी थी. उस समय ललन सिंह सीएम कर्पूरी ठाकुर के करीबी माने जाते थे.

 ललन सिंह 2010 और 2013 के बीच की अवधि को छोड़कर जेडीयू के प्रमुख सहयोगी रहे हैं. इस अवधि में उन्होंने जेडूयी छोड़ दी थी.

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