डीएनए हिंदी: चारा घोटाला केस में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. उन्हें स्वास्थ्य कारणों के आधार पर बेल दी गई है लेकिन राजनीतिक सक्रियता दिख रही है. कुछ दिन पहले ही पटना में राहुल गांधी के साथ उन्होंने मंच साझा किया ता और विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक में भी हिस्सा ले चुके हैं. जल्द ही उन पर सीबीआई का शिकंजा कस सकता है. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है जिसे स्वीकार कर लिया गया है. झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने अर्जी लगाई है. सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकार कर ली है और जल्द सुनवाई हो सकती है.
सीबीआई ने की जमानत रद्द करने की मांग
बता दें कि लंबे समय से लालू यादव बीमार चल रहे हैं और कुछ दिन पहले ही सिंगापुर में उनकी किडनी ट्रांसप्लांट हुई है. झारखंड हाई कोर्ट ने बीमारी की हालत देखते हुए उन्हें जमानत दी थी. सीबीआई ने जमानत का विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने याचिका सूचीबद्ध कर ली है और अब दल्द इस पर सुनवाई हो सकती है. अगर बेंच सीबीआई के तर्कों से सहमत हो जाती है तो लालू यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और उन्हें वापस जेल भी जाना पड़ सकता है.
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लालू प्रसाद यादव को जमानत दिए जाने के बाद इसी साल अप्रैल में जेल से रिहाई मिली थी. पहले कुछ दिन वह दिल्ली के एम्स अस्पताल में भी रहे थे और उसके बाद सिंगापुर गए थे. किडनी ट्रांसप्लांट कराकर लौटने के बाद से वह लगातार चुनावी और राजनीतिक मंचों पर नदर आ रहे हैं. सीबीआई ने इसे आधार बनाकर उनकी जमानत रद्द करने की गुहार लगाई है. हाई कोर्ट में भी जमानत के विरोध में सीबीआई ने कहा था कि इससे जांच की दिशा प्रभावित होगी. लालू परिवार पर फिलहाल आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के केस भी चल रहे हैं.
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चारा घोटाले में दोषी करार दिए गए हैं लालू यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाला मामले में कई मामले चल रहे हैं. यह घोटाला कुल 900 करोड़ का है और इसमें 4 मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. पांचवा मामला रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है. इस मामले में भी रांची में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 2022 में लालू को दोषी करार दिया था और तीन साल की सजा सुनाई थी.
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