सीबीआई ने रेलवे में कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले (Land For Job Case) में बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की. यह मामला आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के कई सदस्यों से जुड़ा है. CBI ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष अशोक कुमार और बबीता और भोला यादव के खिलाफ अंतिम रिपोर्ट दाखिल की. कोर्ट 14 मार्च को इस बात पर विचार करेगी कि आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं.
भोला यादव को लालू यादव का करीबी माना जाता है. उन्हें सितंबर 2022 में इस मामले में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. लालू यादव 2004 से 2009 तक जब यूपीए की सरकार में रेल मंत्री थे, तब भोला यादव उनके ओएसडी थे. भोला यादव पर आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान उन्होंने नौकरी लगवाने के बदले कई लोगों की जमीन लिखवाई थी.
भोला यादव को क्यों कहा जाता लालू का 'हनुमान'
सीबीआई ने भोला यादव को सभी मामलों में लालू का राजदार मानकर गिरफ्तार किया था. लेकिन दिल्ली की विशेष अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था. भोला यादव को लालू का 'हनुमान' भी कहा जाता है. वह RJD के विधायक भी रह चुके हैं. भोला यादव ने 2015 में बहादुरपुर सीट से आरजेडी की टिकट पर चुनाव जीता था. लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में भोला यादव चुनाव हार गए थे.
अदालत ने 28 फरवरी को इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को जमानत दे दी थी. अधिकारियों के अनुसार, यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू यादव के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य जोन में ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है, जिसके बदले में भर्ती हुए व्यक्तियों द्वारा जमीन लालू के परिवार या सहयोगियों को कथित तौर पर उपहार में दी गई या उनके नाम हस्तांतरित की गई थी.
सीबीआई ने इस मामले में 18 मई, 2022 को लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.