डीएनए हिंदी: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में लालू यादव के परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. ईडी इस मामले में लगातार उनसे पूछताछ कर रही है. ईडी ने मंगलवार को आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से पटना स्थित ऑफिस में करीब साढ़े आठ घंटे पूछताछ की. तेजस्वी सुबह करीब 11.35 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे थे, जो शाम करीब 8 बजे बाहर निकले. इस दौरान उनसे इस घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब पूछे गए.
इससे पहले 29 जनवरी को RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से ईडी ने पूछताछ की थी. ईडी के अधिकारियों ने लालू यादव से करीब 9 घंटे तक सवाल-जवाब किए थे. केंद्रीय जांच एजेंसी ने 19 जनवरी को लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से पूछताछ के लिए नया समन जारी किया था. इस मामले में राजद के दोनों नेताओं से पूछताछ के लिए दिल्ली से ईडी अधिकारियों की एक टीम रविवार को पटना पहुंची थी.
'डर की वजह से जांच एजेंसियों का इस्तेमाल'
आरजेडी ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. राजद सांसद मनोज झा ने कहा, ‘भाजपा ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग का इस्तेमाल उन लोगों के खिलाफ करती है जिनसे वे डरते हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट है कि दिल्ली के शासक अभी डरे हुए हैं और इसीलिए वे (विपक्षी दलों को) तोड़ने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.’
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मनोज झा ने दावा किया कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व विपक्ष से डरता है. इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए राजद के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) शक्ति सिंह यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता 2024 के लोकसभा चुनाव से डरते हैं. यह सर्वविदित तथ्य है कि तेजस्वी यादव उस समय नाबालिग थे, जब कथित नौकरी के बदले भूखंड घोटाला मामला प्रकाश में आया था. वे उन पर इसलिए आरोप लगा रहे हैं क्योंकि वह लालू प्रसाद के बेटे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में पिछली महागठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव द्वारा भारी संख्या में प्रदान की गई नौकरियों से भाजपा नेता डर गए हैं.
क्या बोली बीजेपी?
राजद नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए बिहार के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जब लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब चारा घोटाला हुआ था. जब वह रेल मंत्री थे तो नौकरी के बदले जमीन घोटाला हुआ. फिर वे जांच एजेंसियों से क्यों डरते हैं. ईडी निश्चित रूप से मामले की जांच करेगी. नौकरी के बदले जमीन घोटाला 2004 और 2009 के बीच रेलवे में नौकरियों से संबंधित है.
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