डीएनए हिंदी: नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाले (Land for Job Scam Case) में लालू प्रसाद यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सीबीआई ने इस मामले में सोमवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. आरोप पत्र में लालू यादव, राबड़ी देवी और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कई अन्य लोगों को नाम आरोपी के तौर पर शामिल हैं. हालांकि सीबीआई की ओर से दायर किए गए आरोप पत्र पर सुनवाई की अभी कोई तारीख नहीं दी गई है, लेकिन ये मामला पहले से ही 12 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचिबद्ध है.
अधिकारियों ने बताया कि मामले में यह दूसरा आरोपपत्र है और इसमें 14 अन्य लोगों के भी नाम शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह मामले में पहला आरोपपत्र दाखिल होने के बाद सामने आए दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर दाखिल किया गया है. लालू यादव परिवार के सदस्यों के अलावा, सीबीआई ने मामले में एके इन्फोसिस्टम्स और कई बिचौलियों को भी नामजद किया है. आरोपपत्र विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल किया गया है.
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जमीन के बदले सरकारी नौकरी देने का आरोप
अधिकारियों ने कहा कि दूसरा आरोपपत्र इसलिए दाखिल किया गया क्योंकि प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल होने तक आरोपियों की कथित भूमिका के संबंध में जांच पूरी नहीं हो सकी थी. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 में संप्रग सरकार में लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर पसंदीदा लोगों को रेलवे में नियुक्त किया गया. सीबीआई के मुताबिक, रेलवे में नौकरी के बदले में अभ्यर्थियों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को बाजार भाव से काफी कम दरों पर जमीन बेची थी.
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क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला?
लालू यादव पर आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी थी. इस नौकरी के बदले उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा ली थीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई. पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है. सीबीआई को जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले जहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर नौकरी दी गई जब उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित की. सीबीआई ने इस मामले में 2021 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी.
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