डीएनए हिंदी: मिजोरम (Mizoram) के हनहथियाल (Hanhathiyal) जिले में पत्थर की एक खदान सोमवार को अचानक गिर गई. निजी कंपनी की इस खदान में हुए हादसे में कम से कम 15 से 20 मजदूर मलबे के तले दब गए हैं. ये सभी बिहार (Bihar) से आए मजदूर बताए गए हैं. दोपहर 3 बजे हुए हादसे के तत्काल बाद बचाव कार्य शुरू कर दिया गया, लेकिन देर रात तक एक भी मजदूर मलबे में से निकाला नहीं जा सका था. इसके चलते सभी मजदूरों के मरने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि प्रशासन या कंपनी ने अभी तक किसी के मरने की अधिकृत पुष्टि नहीं की है.
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खाना खाकर लौटे थे, तभी हो गया हादसा
हनहथियाल जिले के मौदढ़ गांव (Maudarh Village) में एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (ABCI Infrastructure private limited) की पत्थर खदान है. इस खदान में सोमवार को मजदूर काम करने के बाद दोपहर के समय खाना खाने गए थे. हादसे के समय नजदीक ही मौजूद ग्रामीण प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोपहर करीब 3 बजे मजदूरों के खाना खाकर लौटने पर काम शुरू करते ही अचानक पहाड़ भरभराकर गिर पड़ा.
दबे मजदूरों की संख्या अभी तक पुष्ट नहीं
हनहथियाल के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार ने PTI को बताया कि एक मजदूर मलबे के नीचे आने से बचने में सफल हो गया, लेकिन 12 मजदूर वहीं दब गए. हालांकि ANI और IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, मलबे में 15 से 20 मजदूर दबे हुए हैं. ANI ने हनहथियाल जिले के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर साजिकपुई के हवाले से ये आंकड़े बताए हैं, जबकि IANS ने मिजोरम डिजास्टर मैनेजमेंट एंड रिहेबिलेशन डिपार्टमेंट (Mizoram Disaster Management and Rehabilitation Department) के हवाले से 15 से 20 मजदूरों के दबे होने की बात कही है. डिपार्टमेंट ने हनहथियाल के डिप्टी कमिश्नर के हवाले से यह भी बताया है कि पहाड़ का पूरा एक हिस्सा गिरकर मलबे में बदल गया है, जिसके नीचे मजदूरों के साथ ही पांच एक्सकैवेटर मशीन और अन्य ड्रिलिंग मशीनें भी दब गई हैं.
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बचाव अभियान में जुटे कई संगठन
मिजोरम की राजधानी आइजॉल (Aizawl) से करीब 160 किलोमीटर दूर हुए हादसे में देर रात तक कई सरकारी व गैर सरकारी संगठन बचाव कार्य में जुटे हुए थे. हनहथियाल जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही एक मेडिकल टीम भी हादसे के तत्काल बाद मौके पर पहुंच गई थी. पुलिस अधीक्षक कुमार ने बताया कि हनहथियाल शहर से करीब 23 किलोमीटर दूर मौदढ़ गांव में घटनास्थल पर नजदीकी गांव से यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) के वॉलंटियर्स भी बचाव अभियान में शामिल होने पहुंच गए थे. जबकि हनहथियाल शहर और लीटे गांव से भी वॉलंटियर्स मौके पर पहुंचे हैं. इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट, पुलिस, स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) और असम राइफल्स के जवान भी मौके पर बचाव अभियान चलाने के लिए बुलाए गए हैं.
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हाइवे के लिए तोड़े जा रहे थे पत्थर
PTI ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि जिस खदान (stone quarry) में हादसा हुआ है, वो पिछले 2.5 साल से चल रही थी. इस खदान को चला रही कंपनी फिलहाल हनहथियाल से डान गांव (Dawn village) के बीच हाइवे बना रही है. इस हाइवे के लिए खदान के बोल्डरों से पत्थर जुटाए जा रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, खदान का इलाका मिट्टी-पत्थर वाले मिश्रण के पहाड़ का है, जिसे तोड़ने से गिरे मिट्टी के मलबे से मजदूर पत्थर अलग करने का काम करते हैं.
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