Assam में PMAY मकान में बनाया मिया मुस्लिमों का म्यूजियम, CM नाराज, प्रशासन ने किया सील

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 26, 2022, 12:07 AM IST

गोलपाड़ा जिले में म्यूजियम का उद्घाटन 23 अक्टूबर को असम मिया मुस्लिम परिषद ने किया था, जिसे एक दिन बाद ही सील कर दिया गया.

डीएनए हिंदी: असम (Assam) के गोलपाड़ा (Golapara) जिले में स्थानीय प्रशासन ने बांग्लाभाषी मिया मुस्लिमों के नाम पर बने म्यूजियम को उद्घाटन के एक दिन बाद ही सील कर दिया. इस मकान के मालिक को भी हिरासत में ले लिया गया है. यह म्यूजियम प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आवंटित मकान में बनाया गया था. असम मिया मुस्लिम परिषद की तरफ से इस मकान में म्यूजियम बनाने को प्रशासन ने नियमों के खिलाफ बताया गया है. बताया जा रहा है कि म्यूजियम निर्माण की जानकारी मुख्यमंत्री हिमांता बिसवा सरमा (Himanta Biswa Sarma) तक पहुंची थी, जिसे लेकर वे बेहद नाराज थे. इसके बाद ही स्थानीय प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.

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पहले जानिए कौन होते हैं मिया मुस्लिम

असम में मुस्लिमों को दो हिस्सों में बांटा गया है. पहले हैं असमिया मुस्लिम, जिन्हें राज्य सरकार खिलोंजिया मुस्लिम कहती है और इन्हें स्थानीय मुस्लिम मानती है. दूसरा मुस्लिम समुदाय बांग्लाभाषी है. यह माना जाता है कि ये बांग्लादेश से आकर असम में बस रहे हैं. इन्हें मिया मुस्लिम कहा जाता है. 

सरकार ने इस साल जुलाई से इन दोनों समुदाय की अलग-अलग पहचान करने का काम शुरू किया था. इसके तहत 5 जुलाई को कैबिनट बैठक में 5 मुस्लिम जनजातियों को खिलोंजिया मुस्लिम के तौर पर मंजूरी दी गई थी. इनमें गोड़िया, मोड़िया, देशी, जुलाहा और सैयद मुस्लिम शामिल हैं. अपने इस कदम के लिए राज्य सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश का हवाला दिया था और कहा था कि इससे भारतीय मुस्लिमों को सरकारी मदद दी जा सकेगी.

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क्या हुआ है ताजा विवाद

गोलपाड़ा जिले में असम मिया मुस्लिम परिषद के अध्यक्ष मोहर अली ने एक मकान में 'मिया संग्रहालय' की स्थापना की थी. लखीउर थाना क्षेत्र के दपकाभिता इलाके में बने इस म्यूजियम का उद्घाटन रविवार 23 अक्टूबर को किया गया था. इस म्यूजियम में खेती और मछली पकड़ने में काम आने वाले कुछ औजारों और लुंगी आदि रखी गई हैं. अली के मुताबिक, ये सब चीजें 'मिया मुस्लिम' पहचान हैं. मंगलवार शाम को सरकारी अधिकारियों की एक टीम वहां पहुंची और संग्रहालय पर उपायुक्त का आदेश चिपकाकर सील लगा दी. अधिकारियों का कहना है कि इस मकान के निर्माण के लिए PMAY के तहत धन आवंटित किया गया था, जिसके चलते इसमें म्यूजियम बनाना नियमों के खिलाफ है. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य अब्दुर रहीम जिब्रान ने इस म्यूजियम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के साथ ही सीएम सरमा तक भी जानकारी पहुंचाई. 

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अली सील लगाने पर देने लगा धरना

म्यूजियम सील होने पर तनाव पैदा हो गया. मकान मालिक अली अपने दोनों नाबालिग बेटों के साथ घर के बाहर धरने पर बैठ गया. अली ने दावा किया कि वे अपने समुदाय को पहचान दिलाने वाली चीजों को प्रदर्शित कर रहे हैं. अली के धरने से नहीं उठने पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. 

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मंगलवार को ही मुख्यमंत्री ने किया था इशारा

मंगलवार को दिन में मुख्यमंत्री सरमा ने इस कार्रवाई का इशारा कर दिया था. एक कार्यक्रम में पहुंचे सरमा ने उससे इतर बातचीत में कहा था कि मिया समुदाय के कुछ सदस्यों के ऐसे काम 'असमिया पहचान' के लिए खतरा हैं. मिया समुदाय यह दावा कैसे कर सकता है कि हल उनकी पहचान है, जबकि असम के सभी किसान सदियों से हल चला रहे हैं. लुंगी पर केवल वे अपना दावा कैसे ठोक सकते हैं?

दो साल पहले भी हुई थी म्यूजियम बनाने की कोशिश

मिया म्यूजियम बनाने की यह पहली कोशिश नहीं है. इससे पहले साल 2020 में कांग्रेस के पूर्व विधायक शर्मन अली अहमद ने भी राज्य सरकार के सामने ऐसा म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव रखा था. उस समय भी मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.

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