Al-Qaeda In Assam: असम में फिर मिले 4 अलकायदा आतंकी, क्या गहरी हो रही हैं आतंकी संगठन की जड़ें

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 17, 2022, 07:40 PM IST

Assam में मुख्यमंत्री हिमांत बिस्व सरमा ने कट्टरपंथ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. इसके बावजूद 8 महीने में चौथी बार अलकायदा आतंकी पकड़े गए हैं.

डीएनए हिंदी: असम में सोमवार को पुलिस ने चार और आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया. इनका लिंक अलकायदा (Al-Qaeda) से जुड़े बांग्लादेशी आतंकी संगठनों AQIS और ABT से मिला है. पिछले 8 महीने में यह चौथा मौका है, जब पुलिस ने असम में अलकायदा से जुड़े आतंकियों की गिरफ्तारी की है. इससे एक बार फिर यह सवाल उठ रहा कि क्या ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) का यह आतंकी संगठन असम में अपनी जड़ें गहरे तक जमाने में सफल हो गया है?

पुलि ने सोमवार को चारों आतंकियों की गिरफ्तारी नलबाड़ी (Nalbari) और तामुलपुर (Tamulpur) जिलों से की है. नलबाड़ी जिले के पुलिस अधीक्षक पबिंद्र कुमार नाथ (IPS Pabindra Kumar Nath) ने ANI से बताया कि पुलिस ने दो लोगों को उनके जिले से, जबकि अन्य दो को तामुलपुर से दबोचा है. इनके लिंक बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (Ansarullah Bangla Team) व अलकायदा की शाखा के तौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय AQIS से मिले हैं.

घोगरापार थाने में दर्ज मामले में हुई गिरफ्तारी

एसपी नलबाड़ी के मुताबिक, इन लोगों को घोगरापार पुलिस थाने (Ghograpar police station) में दर्ज केस नंबर 163/22 के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यह केस IPC की धारा 120बी, 121, 121ए, 122 और R/W की धारा 10/13 UAPA एक्ट के तहत दर्ज है. तामुलपुर से पकड़े गए आतंकियों की पहचान सादिक अली और जकीबुल अली के तौर पर की गई है, जबकि नलबाड़ी पुलिस ने 26 साल के मोहम्मद हेबल अली (Md Habel Ali) और 26 साल के ही अबू रेहान (Abu Raihan) को गिरफ्तार किया है. हेबल और रेहान को कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें रिमांड पर पुलिस को पूछताछ के लिए सौंप दिया गया है.

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लोगों को AQIS व ABT से जुड़ने को बरगलाते थे

एसपी नलबाड़ी ने बताया कि पूछताछ के दौरान हेबल अली ने आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए युवाओं को बरगलाने की बात स्वीकार की है. उसने बताया है कि कई लोगों को वह AQIS और ABT जॉइन करने के लिए भेज चुका है. उन्होंने बताया कि इन लोगों की पहचान की जा रही है. इसके अलावा भी पुलिस के रडार पर कई अन्य लोग हैं, जिनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है.

सरमा फिर बोले- जिहादियों की जड़ काटेंगे

असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने पुलिस की इस कार्रवाई की तारीफ की है. उन्होंने ट्वीट में एक बार फिर कहा कि उनकी सरकार राज्य से जिहादी तत्वों की जड़ पूरी तरह काटने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने आगे कहा कि सादिक अली की गिरफ्तारी बेहद अहम है. वह जकीबुल अली समेत दर्जनों युवाओं को पिछले दो साल से कट्टरपंथी बना रहा था. वह आतंकी संगठनों JMB और Neo-JMB से भी जुड़ा हुआ है.

8 महीने में आतंक के खिलाफ कार्रवाई

  • 42 आतंकी AQIS/ABT से जुड़े हुए मार्च से अब तक पकड़ चुकी है असम पुलिस.
  • 06 मार्च 2022 को असम पुलिस ने बांग्लादेशी आतंकी संगठन के 5 जिहादी पकड़े थे.
  • 18 अप्रैल 2022 को त्रिपुरा पुलिस ने असम से जुड़े 3 बांग्लादेशी आतंकी पकड़े थे.
  • 28 जुलाई 2022 को असम के अलग-अलग इलाकों से 11 जिहादी पकड़े गए.
  • 31 अगस्त 2022 को असम के गोलपाड़ा जिले से AQIS से जुड़ा जिहादी दबोचा.
  • 17 अक्टूबर 2022 को नलबाड़ी और तामुलपुर जिलों से 4 आतंकी दबोचे गए.

लगातार फैल रहे असम में पैर

जून महीने में आई एक मीडिया रिपोर्ट में पुलिस के टॉप सूत्रों ने बताया था कि असम में अलकायदा से जुड़े संगठनों के बांग्लादेशी आतंकी बड़े पैमाने पर घुस चुके हैं. सूत्रों ने बताया था कि ये बांग्लादेशी आतंकी टूरिस्ट और मेडिकल वीजा पर पढ़ने के नाम पर आते हैं और उत्तर-पूर्व के राज्यों में गायब हो जाते हैं. इसके बाद ही मुख्यमंत्री हिमांत बिस्वा सरमा ने आदेश दिया था कि गांव में आने वाले हर नए और अनजान इमाम की जानकारी पुलिस को दी जाए.

आतंकियों के गढ़ बन रहे मदरसे गिराए, 800 को बंद किया

असम में बांग्लादेशी आतंकियों की पनाहगाह इस्लामी मदरसे बन रहे हैं. ऐसे कई मदरसों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर गिराया जा चुका है. बारपेटा और बोंगाईगांव के मदरसों पर जहां सरकारी बुलडोजर चला था, वहीं गोलपाड़ा में आतंकी हरकतों का संदेह होने पर स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने ही मदरसा गिरा दिया था. इन मदरसों से पुलिस ने बांग्लादेशी आतंकी गिरफ्तार किए थे, जो कई साल से वहां रहकर स्थानीय युवाओं को बहका रहे थे. मोरीगांव के शहरियागांव (Sahariagaon) इलाके के एक मदरसे जमीउल हुदा (Jamiul Huda Madrassa) को भी संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत पर ढहा दिया गया था. मुख्यमंत्री सरमा ने 4 अगस्त को बताया था कि अब तक सरकार संदिग्ध गतिविधियों वाले 800 मदरसे बंद कर चुकी है.

अलकायदा चीफ ने किया था असम कूच का ऐलान

अल-कायदा सुप्रीमो अल जवाहिरी ने काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत से पहले असम को अपने आतंकी संगठन का गढ़ बनाने का प्लान पेश किया था. जवाहिरी ने वीडियो जारी कर इंटरनेशनल लेवल पर एक्टिव आतंकियों से असम जाकर तबाही मचाने की अपील की थी. इससे असम में अलकायदा की सक्रियता की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

बांग्ला भाषा में मैगजीन पब्लिश कर रहा अलकायदा

असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंता (Bhaskar Jyoti Mahanta) ने जुलाई में खुलासा किया था कि अल कायदा ने अपनी कट्टरपंथी मैगजीन को बांग्ला भाषा में पब्लिश करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा था कि इस कवायद के जरिए पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के बांग्लादेश से सटे लोअर इलाके व बराक वैली में अपनी पैठ बनाना है. इन इलाकों में बांग्ला भाषा में ही बातचीत की जाती है. असम के मुस्लिम भी ज्यादातर बांग्ला भाषा में ही बात करते हैं. इसी कारण उनके बांग्लादेशी घुसपैठिया होने के आरोप की पुष्टि होती है. 

कौन हैं ABT और AQIS

असम पुलिस के मुताबिक, बांग्लादेश के दो आतंकी संगठन ABT और AQIS असम में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. ये दोनों संगठन अलकायदा की ही परछाई हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो ये भारतीय उपमहाद्वीप (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान) में अलकायदा की शाखा हैं और यहां उसकी गतिविधियां संचालित करते हैं. 

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