डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने मंगलवार को एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे खुद उनकी सरकार घिरती दिखाई दे रही है. घोष ने कहा कि सीबीआई अफसरों का एक वर्ग बिक चुका था और उनकी पश्चिम बंगाल में सेटिंग हो गई थी, इसलिए केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम को बंगाल में भेजा ताकि सही तरीके से भ्रष्टाचार की जांच हो सके.
घोष का यह बयान ऐसे समय आया है, जब दोनों केंद्रीय जांच एजेसिंयां CBI और ED पश्चिम बंगाल में बेहद सक्रिय हैं और उन्होंने लगातार छापेमारी करने के साथ ही कई गिरफ्तारियां भी की हैं. जांच एजेंसियों की इस सक्रियता को लेकर विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार को घेर रहे हैं और उस पर इन एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं.
ईडी सीबीआई के तरह नहीं बिक सकती-
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घोष केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, CBI पिछले कुछ महीनों से बंगाल में जांच कर रही है, लेकिन कोई खास असर नहीं हुआ और न ही कोई दस्तावेज सामने आया. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि कुछ अधिकारी लाखों-करोड़ों रुपये में बिक चुके हैं. यह समस्या जानने के बाद केंद्र सरकार ने ईडी को राज्य में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामले देखने के लिए कहा. उन्होंने आगे कहा कि सत्तारूढ़ टीएमसी डरी हुई है, क्योंकि उन्होंने सीबीआई के साथ तो सौदा कर लिया लेकिन ईडी के साथ समझौता नहीं कर सकते
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केंद्र ने दी है ED को जिम्मेदारी
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए घोष ने आगे कहा कि सीबीआई से टीएमसी की साठगांठ थी, इसलिए कोयला घोटाला, मवेशी तस्करी मामले के साथ स्कूल शिक्षक भर्ती घोटालों की जांच में कोई नतीजा नहीं निकला. जांच महीनों तक चली, फिर भी कोई नतीजा नहीं निकला. इस कारण सीबीआई के कई अफसरों का तबादला भी किया गया और अब केंद्र सरकार ने ईडी को यह जिम्मेदारी दी है कि वह भ्रष्टाचार की जांच करे.
सांसद लॉकेट चटर्जी ने किया बचाव
दिलीप घोष के इस विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि ईडी और सीबीआई तटस्थ एजेंसियां हैं. वे अपने तरीके जांच कर रही हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. हम ईडी और सीबीआई की जांच से खुश है. भाजपा का केन्द्रीय एजेंसियों के साथ कोई संबंध नहीं है.
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