डीएनए हिंदी: गुजरात (Gujarat) के कंपकंपा देने वाले बिल्किस बानो गैंगरेप मामले (Bilkis Bano Gangrape Case) के दोषियों को जेल से राज्य सरकार नहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिहाई दी है. कम से कम गुजरात सरकार ने इस रिहाई के खिलाफ अपील की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से यही कहा है. राज्य सरकार ने एफिडेविट में कहा है कि उम्र कैद की सजा पाए 11 दोषियों की सजा माफी और वक्त से पहले रिहाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दी थी. यह मंजूरी इन कैदियों के 'अच्छे व्यवहार' के आधार पर दी गई है. एफिडेविट में कहा गया है कि इन 11 दोषियों ने अपनी सजा के 14 साल पूरे कर लिए थे और उन्हें 'अच्छा व्यवहार' पाए जाने के कारण रिहा किया गया है.
रिहाई के खिलाफ थी सरकारी एजेंसियां
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में राज्य सरकार ने यह भी माना है कि सरकारी एजेंसियां इन दोषियों की रिहाई के खिलाफ थीं. एफिडेविट के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक, सीबीआई (मुंबई), स्पेशल जज मुंबई (CBI) ने इनकी रिहाई का विरोध किया था.
पढ़ें- Rape Case: अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव निलंबित, रेप के आरोपी हैं सीनियर IAS जितेंद्र
15 अगस्त को रिहा किए थे 11 दोषी
राज्य सरकार ने 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बिल्किस बानो मामले के 11 सजायाफ्ता दोषियों की उम्र कैद की सजा माफ कर दी थी. उन्हें गोधरा उपकारागार (Godhra sub-jail) से रिहा कर दिया गया था, जहां वे सजा के 18 साल काट चुके थे.
राज्य सरकार के इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना की गई थी. देश में भी विपक्षी दलों से लेकर विभिन्न महिला संगठनों ने इसे महिला विरोधी कदम बताया था. यह आलोचना उस समय और ज्यादा तेज हो गई थी, जब रिहाई के बाद इन 11 दोषियों का मालाएं पहनाकर सम्मान किया गया था. इस रिहाई के खिलाफ बहुत सारे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
पढ़ें- सिसोदिया के बाद अब DDC के वाइस चेयरमैन पर शिकंजा, LG ने भेजा नोटिस, जानें पूरा मामला
3 मार्च, 2002 को किया गया था बिल्किस से गैंगरेप
बिल्किस बानो के साथ 3 मार्च, 2002 को एक उन्मादी भीड़ ने गैंगरेप किया था. गुजरात के दाहोद (Dahod) जिले के लिमखेड़ा तालुका में हुई इस घटना में भीड़ ने 14 लोगों की हत्या भी कर दी थी, जिनमें बिल्किस की 3 साल की बेटी सालेहा भी शामिल थी. यह घटना गोधरा जिले में अयोध्या से लौट रहे हिंदू कारसेवकों से भरी ट्रेन को तेल छिड़ककर जला देने के बाद हुए दंगों के दौरान की गई थी. बिल्किस बानो गैंगरेप के दौरान गर्भवती थी. इसके बावजूद दंगाइयों ने उसके साथ ऐसा नृशंस काम किया था.
पढ़ें- RSS चीफ भागवत के साथ बातचीत पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की 'मुहर', कहा-नफरत के माहौल को बदलना जरूरी
राज्य सरकार ने जेल कमेटी की सिफारिश पर दी थी सजा माफी
राज्य सरकार ने इस केस में सजा पा चुके 11 दोषियों को सजामाफी दी थी. यह फैसला जेल एडवाइजरी कमेटी (Jail Advisory Committee) की सर्वसम्मत सिफारिश के आधार पर किया गया था. इस सिफारिश में इन दोषियों को 'अच्छे व्यवहार' के आधार पर रिहा करने के लिए कहा गया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.