CYBER CRIME: लापरवाही से डॉक्यूमेंट फेंकने की आदत बना सकती है आपको साइबर क्रिमिनल, जानिए कैसे

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 24, 2022, 10:24 PM IST

यदि आप भी अपना बिजली का बिल या पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स की जेरॉक्स कॉपी बिना सोचे कूड़े में फेंक देते हैं तो यह आदत आपको साइबर क्रिमिनल (Cyber Criminal) बना सकती है. ये चेतावनी मुंबई पुलिस ने झारखंड के 6 साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ने के बाद दी है. पेश है इस पर सुबोध मिश्रा की ये खास रिपोर्ट...

डीएनए हिंदी: हम लोग अपनी निजी जानकारी से जुड़े बहुत सारे डॉक्यूमेंट्स को लेकर पूरी तरह लापरवाह होते हैं और इनका ध्यान नहीं रखते हैं. खासतौर पर यदि किसी डॉक्यूमेंट की जेरॉक्स कॉपी है तो कई बार हम उसे यूं ही कूड़ेदान में फेंक देते हैं. बिजली का बिल,पैन कार्ड, आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे डॉक्यूमेंट्स की जेरॉक्स को लापरवाही से इधर-उधर फेंकना या सही तरीके से नष्ट नहीं करना भारी पड़ सकता है. यह आपका बैंक खाता खाली कर सकता है या फिर आपको किसी बड़े साइबर क्राइम (Cyber Crime) में अपराधी बना सकता है. इस बात की चेतावनी मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की साइबर क्राइम ब्रांच ने जारी की है.

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मुंबई पुलिस ने पकड़े हैं छह साइबर क्रिमिनल्स

दरअसल मुंबई पुलिस ने पिछले दिनों झारखंड (Jharkhand) में रहकर साइबर क्राइम करने वाले 6 साइबर क्रिमिनल्स (Cyber Criminal) को गिरफ्तार किया है. इन लोगों से पूछताछ के दौरान मुंबई पुलिस को जो जानकारी मिली है, उससे पुलिस अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं.

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दरअसल ये अपराधी किसी भी तरह से लोगों की निजी जानकारी से जुड़े डाक्यूमेंट्स इकट्ठा करते थे. इसके लिए वे लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़े को भी नगर निगम के कूड़ाघरों में जाकर खंगालते हैं. इसके बाद मिलने वाले डॉक्यूमेंट्स को बड़ी ही चतुराई से एडिट कर उनके नाम पर बैंक अकाउंट खोलते थे. इसके बाद शुरू हो जाता है साइबर क्राइम का खेल.

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दूसरों को ठगकर इन खातों में ट्रांसफर करते हैं पैसे

दरअसल ये लोग विभिन्न तरीकों से ऑनलाइन ठगी का काम करते हैं. इस ठगी से आने वाली रकम को ये अपराधी पहले उन अकाउंट में डालते हैं, जो ये डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करके खुलवाते हैं. इसके बाद ये अपराधी इन अकाउंट्स से पैसे को फिजिकली निकाल लेते हैं और फरार हो जाते हैं. 

पुलिस जब इन अकाउंट की जानकारी खंगालती है तो पता चलता है कि यह अकाउंट फर्जी दस्तावेजों के जरिए खोले गए हैं या फिर पुलिस जिसके नाम पर अकाउंट होता है, उसे हिरासत में ले लेती है.

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यह दी है पुलिस ने हिदायत

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