2020 Delhi riots case में सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन की अपील खारिज की, कहा- हाई कोर्ट में लंबित है केस, क्यों हस्तक्षेप करें

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 14, 2022, 04:58 PM IST

Supreme Court की बेंच ने ताहिर हुसैन के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने के Delhi High Court के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज कर दी.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को उत्तरपूर्वी दिल्ली दंगा मामला 2020 (2020 Northeast Delhi riots case) में राहत देने से इनकार कर दिया है. टॉप कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के उस फैसले के खिलाफ याचिका खारिज कर दी, जिसमें ताहिर के खिलाफ दंगा मामले में आपराधिक प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ स्टे देने से इनकार कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) से पहले आप के लिए झटका माना जा रहा है. 

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'इस स्टेज पर हस्तक्षेप का कोई मतलब नहीं'

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तौगी (Justice Ajay Rastogi) और जस्टिस सीटी रविकुमार (Justice CT Ravikumar) की बेंच ने सुनवाई की. बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा, इस स्टेज पर हस्तक्षेप करने का कोई मतलब नहीं है, जब मामला हाई कोर्ट में विचारधीन है. 

हाई कोर्ट ने 16 सितंबर को हुसैन के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हुसैन के खिलाफ ये कार्रवाई उन 3 FIR के सिलसिले में की जा रही है, जो दिल्ली दंगों में उनकी भूमिका को लेकर दर्ज की गई थीं.

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पिछले सप्ताह हाई कोर्ट में भी दाखिल की है याचिका

हुसैन के खिलाफ ऐसी ही याचिकाएं पिछले सप्ताह भी दिल्ली हाई कोर्ट में फाइल की गई थी, जिन पर हाई कोर्ट ने दूसरे पक्ष के वकील को जवाब दाखिल करने के लिए समय देते हुए नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं को अन्य याचिकाओं के साथ 25 जनवरी, 2023 को ही सुनवाई के लिए लिस्टेड करने का आदेश दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की मांग भी ठुकराई

सोमवार को ताहिर हुसैन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट मेनका गुरुस्वामी पेश हुई. सुप्रीम कोर्ट के स्टे लगाने से इनकार करने पर उन्होंने हाई कोर्ट को जल्द सुनवाई का आदेश देने की गुहार की, लेकिन बेंच ने इससे भी इनकार कर दिया.

मनी लॉन्ड्रिंग में भी आरोप हुए तय

एक अन्य मामले में दिल्ली की एक अदालत इस महीने की शुरुआत में हुसैन के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम 2022 (Prevention of Money Laundering Act, 2002) की धारा-3 और धारा-4 के तहत आरोप तय किए थे. कोर्ट ने साथ ही यह भी टिप्पणी की थी कि हुसैन दिल्ली दंगों में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे.

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