Delhi News: 15 साल की बच्ची ने दी 6 को जिंदगी, अमर रहेगी ये दास्तां

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 25, 2022, 11:36 AM IST

बिहार के लखीसराय की रहने वाली 15 साल की बासु का 15 अगस्त को रोड एक्सीडेंट हुआ था. चंडीगढ़ के अस्पताल में 20 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने वेंटिलेटर से उसके अंग जिंदा रखे, जिन्हें एक-एक कर छह लोगों को ट्रांसप्लांट किया गया. पढ़िए पूजा मक्कड़ की रिपोर्ट...

डीएनए हिंदी: छोटी सी उम्र में अपनी जान गंवाने के बावजूद बासु (Basu) कुछ ऐसा कर गई कि वो अब एक नहीं छह लोगों के अंदर जिंदा रहेगी. दरअसल रोड एक्सीडेंट के बाद चंडीगढ़ (Chandigarh) के अस्पताल में पांच दिन जूझने के बाद 15 साल की बासु की मौत हो गई, लेकिन उसके शरीर के छह अंगों ने छह अलग-अलग लोगों को नई जिंदगी दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने ट्वीट कर इसकी तारीफ की है.

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बिहार के लखीसराय (Lakhsarai) की रहने वाली बासु का दिल अब 32 साल की लक्ष्मी देवी के अंदर धड़केगा, जो बिहार (Bihar) के ही भागलपुर (Bhagalpur) जिले की रहने वाली हैं. लक्ष्मी देवी का दिल बच्चे को जन्म देने के दौरान टर्मिनल फेल्योर की स्थिति से गुजरा था, जिस कारण पिछले 7-8 साल से उनकी हालत खराब थी. 

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML Hospital) के कार्डियलॉजिस्ट डॉ. रंजीत नाथ (Dr Ranjith Nath) और डॉ. प्रवीण अग्रवाल (Dr Praveen Agarwal) ने उनका हार्ट ट्रांसप्लांट किए जाने की सलाह दी. इसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन ऑर्गनाइजेशन (National Organ transplantation Organization) यानी NOTTO में कराया गया था.

स्वतंत्रता दिवस के दिन हुआ था बासु का एक्सीडेंट

बासु का रोड एक्सीडेंट स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के दिन 15 अगस्त को तब हुआ था, जब पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव में खोया हुआ था. बासु को चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उसे बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन सबकुछ विफल रहा. बासु का ब्रेन डेड हो गया और उसे मृत घोषित कर दिया गया. ब्रेन डेड होने पर भी डॉक्टरों ने उसके बाकी अंगों को वेंटिलेटर की मदद से चलाए रखा. 

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दिहाड़ी मजदूर पिता को अंगदान के लिए मनाया

पीजीआई के डॉक्टर करीब 24 घंटे तक बासु के परिवार को अंगदान की अहमियत समझाते रहे. आखिरकार वे 6 बच्चों के दिहाड़ी मजदूर पिता ऐजो मांझी (Ajo Manji) अंगदान के लिए मान गए. इसके बाद 21 अगस्त को NOTTO ने अलर्ट जारी किया कि बासु के दिल, लिवर, कोर्निया, किडनी और पैंक्रियाज सुरक्षित हैं, जिन्हें ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. 

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फ्लाइट से दिल्ली लाया गया दिल

इसके बाद RML हॉस्पिटल और दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स की एक टीम डॉ. नरेंद्र सिंह झाझरिया (Dr Narender Singh Jhajhria) के नेतृत्व में 21 अगस्त की शाम को ही चंडीगढ़ रवाना हो गए और रात में एलायंस एयर की फ्लाइट से बासु के दिल को प्रिजर्व करके महज 2 घंटे के अंदर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली लाया गया. 

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उसी दिन रात में RML हॉस्पिटल के अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Atal Bihari Vajpayee Institute of Medical Sciences) में करीब 10.30 बजे सर्जरी शुरू हुई, जो सुबह 3 बजे तक चली. इस तरह 21 और 22 अगस्त की दरम्यानी रात को ही ये हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. इस सर्जरी में RML के डॉक्टरों के साथ दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) के डॉक्टर भी शामिल रहे. लक्ष्मी फिलहाल आईसीयू में है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि वह तेजी से रिकवरी कर रही है.

दिल्ली का तीसरा सरकारी अस्पताल बना RML

यह केंद्र सरकार के RML अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट का आज तक का पहला मामला था. इस सर्जरी के साथ ही RML अब दिल्ली का तीसरा ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां दिल के ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है. इससे पहले यह सुविधा एम्स व धौला कुआं स्थित आर्मी अस्पताल में ही मौजूद थी.

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