डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में महज डेढ़ महीना पहले पिछले 57 साल के सबसे निचले जल स्तर पर पहुंच गई यमुना नदी (Yamuna River) अब अपना रौद्र रूप दिखा रही है. शुक्रवार शाम को यमुना का जलस्तर 205 मीटर के डेंजर लेवर को पार कर गया, जिसके बाद निचले तटीय इलाकों के लिए अलर्ट का स्तर और ज्यादा बढ़ा दिया गया है.
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने शुक्रवार को बताया की शाम 4 बजे यमुना नदी ने 205.38 मीटर के जलस्तर को छू लिया है. हालांकि पिछले साल 30 जुलाई को ही यमुना खतरे के निशान को पार कर गई थी और पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 205.59 मीटर तक पहुंच गया था.
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पहले शनिवार को यह स्तर छूने का दिया था अनुमान
केंद्रीय जल आयोग ने गुरुवार रात को अनुमान जताया था कि यमुना नदी शनिवार सुबह तक दिल्ली में 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करेगी, लेकिन पहाड़ी इलाकों में गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह भारी बारिशने इस अनुमान को गलत साबित कर दिया.
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, पुराने रेलवे पुल पर शुक्रवार सुबह आठ बजे जलस्तर 203.86 मीटर था, जबकि गुरुवार सुबह आठ बजे यह 204.29 मीटर दर्ज किया गया था.
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बाढ़ की चेतावनी के बाद निचले इलाके कराए जा रहे खाली
दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गई है. एक अधिकारी ने कहा कि डूब क्षेत्र और बाढ़ संभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने और नदी तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का निर्देश दिया है.
अधिकारी ने कहा, निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 34 नावों और सचल पंपों को तैनात किया गया है. विस्थापित हुए लोगों को शेल्टर और खाना दिया गया है.
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दिल्ली में नौ बाढ़ संभावित इलाके हैं. इनमें सीलमपुर की किसान बस्ती, सोनिया विहार में MCD टोल, पुराना लोहे का पुल, ISBT की किसान बस्ती, अन्नपूर्णा मंदिर, उस्मानपुर पुस्ता, बदरपुर खादर गांव, सबपुर बस टर्मिनल और गढ़ी मांडू गांव के इलाके शामिल हैं.
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी लाया है दिल्ली में बाढ़
बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने गुरुवार को दोपहर तीन बजे हरियाणा (Haryana) के यमुनानगर (Yamunanagar) जिले के हथिनीकुंड (Hathinikund) बैराज से करीब 2.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी थी. इसके बाद गुरुवार आधी रात 12 बजे भी करीब 1.55 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी गई. हथिनीकुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी जाती है.
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एक क्यूसेक पानी करीब 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर गति से चलता है. आमतौर पर हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के बाद पानी का बहाव बेहद तेज हो जाता है. बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं, लेकिन इस बार बहुत ज्यादा पानी होने के कारण यह अनुमान से पहले ही दिल्ली पहुंच गया है.
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29 जून के साल 1965 के निचले स्तर पर थी यमुना
यमुना नदी गत 29 जून को 666.80 फीट जलस्तर पर पहुंच गई थी, जो साल 1965 के बाद 57 साल में सबसे निचला जलस्तर था. इससे दिल्ली में जलसंकट की स्थिति बन गई थी.
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