Narcotics: मुंबई में पकड़ी गई 1,400 करोड़ रुपये के नशे की खेप, जानिए कैसे 250 ग्राम नशीली दवा से खुला पूरा केस

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 04, 2022, 08:39 PM IST

मुंबई पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स सेल ने यह कार्रवाई की है. पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में लिया है.

डीएनए हिंदी: मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी-नारकोटिक्स सेल (ANC) ने 700 किलोग्राम नशे की खेप पकड़ी है. एंटी-नारकोटिक्स सेल की वर्ली यूनिट के इस ऑपरेशन में पकड़ी गई 700 किलोग्राम मेफेड्रोन (mephedrone) की बाजार भाव पर कीमत करीब 1,400 करोड़ रुपये है. यह हालिया सालों में नशीले पदार्थों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. वर्ली यूनिट ने 5 लोगों को अपनी हिरासत में भी लिया है, जो एक बहुत बड़े ड्रग रैकेट को चला रहे थे.

पालघर जिले की दवा कंपनी में चल रहा था गोरखधंधा

ANC के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि नारकोटिक्स टीम एक सूचना के आधार पर पालघर (Palghar) जिले में पहुंची थी. यहां नालासोपारा (Nalasopara) इलाके में टीम ने एक दवा निर्माण कंपनी पर छापा मारा. इस छापे में कंपनी के अंदर 703 किलोग्राम MD पकड़ी गई, जिसका वहीं पर निर्माण किया जा रहा था. इस केस में अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. 

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महज 250 ग्राम MD से मिले लिंक ने किया पर्दाफाश

अधिकारी के मुताबिक, 29 मार्च को ANC की वर्ली यूनिट ने एक केस लिया था. इस केस की जांच के दौरान ही यह नाला सोपारा से 703 किलो MD पकड़ा गया है. इस केस का पहला आरोपी गोवंडी इलाके से पकड़ा गया था. इस आरोपी के पास महज 250 ग्राम MD बरामद हुआ था, लेकिन पूछताछ के दौरान उसने बहुत सारी जानकारी दी. इसके आधार पर 3 अन्य लोग मुंबई से ही पकड़े गए. इनसे मिली जानकारी के बाद नालासोपारा में छापा मारा गया. जहां इतनी बड़ी नशे की खेप के साथ मुख्य आरोपी गिरफ्तार किया गया है.

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केमिस्ट्री ग्रेजुएट है धंधे का मास्टरमाइंड

ANC के मुताबिक, नालासोपारा में जिस आरोपी के पास से इतनी बड़ी ड्रग्स की खेप बरामद की, वो खुद ड्रग्स बनाता है. ड्रग्स बनाने वाला यह आरोपी ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट है. अपनी इसी स्किल का इस्तेमाल कर वह MD drugs बनाने का धंधा चला रहा है. 

प्रतिबंधित ड्रग्स है MD

मेफेड्रोन एक प्रतिबंधित ड्रग है, जिसे 'मियो मियो (meow meow)' या MD नाम से भी जाना जाता है. यह एक साइकोट्रोपिक सिंथेटिक स्टिमुलेंट है, जो नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंसेज (NDPS) एक्ट के तहत प्रतिबंधित है. 

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