डीएनए हिंदी: अस्पताल में 20 साल का युवक कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के कारण तड़पता रहा, लेकिन डॉक्टर इलाज में कोताही बरतते रहे. इससे युवक की मौत हो गई. यह मौत साल 2021 में कोविड-19 (Covid-19) की दूसरी लहर के दौरान हुई थी. अब एक साल बाद जांच में निजी अस्पताल के 5 डॉक्टरों की लापरवाही मिलने पर उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. PTI ने FIR के हवाले से बताय कि युवक के परिजनों का आरोप था कि उनके मरीज को समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन (remdesivir injection) की डोज नहीं दी गई, जबकि उन्होंने डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर यह इंजेक्शन खरीदकर अस्पताल को उपलब्ध करा दिया था.
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CMO की शिकायत पर दर्ज हुई है रिपोर्ट
इस मामले में गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. टीकम सिंह की शिकायत पर यथार्थ हॉस्पिटल (Yatharth Hospital) के डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. नोएडा (Noida) के फेज-2 पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में डॉक्टरों को IPC की धारा 304A (लापरवाही के कारण मौत) का आरोपी बनाया गया है. डॉ. टीकम सिंह ही उस ऑफिशियल जांच समिति के अध्यक्ष भी थे, जिसने गाजियाबाद के पीड़ित परिवार की शिकायत पर जांच की थी और आरोपों का सही पाया था.
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अस्पताल प्रबंधन का दावा- झूठे हैं आरोप
यथार्थ हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर कपिल त्यागी ने आरोपों को गलत ठहराया है. उन्होंने PTI से कहा, मरीज को हमारे अस्पताल में बेहद गंभीर हालत में लाया गया था. मुझे यकीन है कि यदि आधा घंटा भी उसे यहां लाने में देरी होती तो उसकी मौत पहले ही हो चुकी होती, लेकिन इतनी खराब हालत के बावजूद हमारे इलाज से उसका स्वास्थ्य सुधरना शुरू हो गया था. करीब 35 दिन बाद उसका परिवार उसे यहां से दिल्ली में किसी अन्य अस्पताल में ले गया था.
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पुलिस कर रही है जांच, इसके बाद करेगी कार्रवाई
नोएडा फेज-2 पुलिस स्टेशन इंचार्ज परमहंस तिवारी ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. शिकायत पर FIR दर्ज कर ली गई है. जांच में सामने आने वाले सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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