New CDS Appointed: केंद्र सरकार ने किया नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का ऐलान, जानिए कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 28, 2022, 08:04 PM IST

जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) तीनों सेनाओं के पहले Chief of Defence Staff बने थे. पिछले साल वे हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हो गए थे.

डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने करीब 10 महीने के इंतजार के बाद देश के अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff) के नाम की घोषणा कर दी है. अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Lt General Anil Chauhan) तीनों सेनाओं के प्रमुख के तौर पर देश के दूसरे CDS का पदभार संभालेंगे. CDS थल सेना (Indian Army), वायु सेना (Indian AirForce) और नौसेना (Indian NAvy) के सिंगल कमांडर के तौर पर काम करते हैं. इस पद पर पहली तैनाती जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) की हुई थी, जो पिछले साल दिसंबर में हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हो गए थे. इसके बाद से ही यह पद खाली चल रहा था, तभी से देश के दूसरे CDS की खोज चल रही थी.

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जानिए क्या होता है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

  • यह भारतीय सेना, नौसेना व वायुसेना में किसी ऑफिसर की सर्वोच्च रैंक है.
  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को तीनों सेनाओं के चीफ रिपोर्ट करते हैं.
  • CDS की भूमिका रक्षा मंत्रालय के मुख्य रक्षा सलाहकार की भी होती है.
  • CDS रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामले विभाग में सचिव की भूमिका भी निभाता है.
  • देश में पहली बार 1 जनवरी, 2020 को CDS का पद सृजित किया गया था.
  • तत्कालीन भारतीय सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत पहले CDS चुने गए थे.
  • जनरल बिपिन रावत का दिसंबर, 2021 में हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया था.

अब जानिए नए CDS जनरल अनिल चौहान के बारे में

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का जन्म 18 मई, 1961 को हुआ था. जनरल चौहान का प्रशिक्षण पुणे के खड़कवासला स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) और देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में पूरा हुआ था. इसके बाद उन्हें साल 1981 में भारतीय सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स (11 Gorkha Rifles) में अधिकारी के तौर पर कमीशन मिला. अपने रिटायरमेंट से पहले उन्होंने सेना में करीब 40 साल सेवा दी. इस दौरान उन्होंने कई कमांड की जिम्मेदारी संभाली है. 

अपने इतने लंबे करियर में उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM), उत्तम युद्ध सेवा मेडल (UYSM), अतिविशिष्ट सेवा मेडल (AVSM), सेना मेडल (SM) और विशिष्ट सेवा मेडल (VSM) मिल चुके हैं.

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उग्रवादी-आतंकी संगठनों से निपटने के उस्ताद

जनरल चौहान को जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्वी भारत में उग्रवादी संगठनों से निपटने का एक्सपर्ट माना जाता है. वे मेजर जनरल रैंक पर रहने के दौरान नार्दर्न कमांड के तहत सबसे अहम बारामुला सेक्टर (Baramula sector) में इंफेन्ट्री डिविजन के कमांडिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल रैंक पर प्रमोशन के बाद उन्हें उत्तर-पूर्व में एक कॉर्प्स के कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर तैनात किया गया था. इसके बाद उन्होंने सितंबर, 2019 में ईस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद की जिम्मेदारी संभाली थी. इसी पद पर तैनाती के दौरान 31 मई, 2021 को उन्हें सेवा से रिटायरमेंट दिया गया था.

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संयुक्त राष्ट्र अभियानों में भी दे चुके हैं सेवा

जनरल चौहान भारतीय सेना में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के तौर पर अधिकारियों की नियुक्ति की अहम जिम्मेदारी से भी गुजर चुके हैं. इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना मिशन में भी सेवा दी है.

रिटायरमेंट के बाद भी जनरल चौहान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narednra Modi) ने खुद से दूर नहीं किया था. उनसे लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा और स्ट्रेटेजिक मामलों पर सलाह ली जाती रही है. 

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