डीएनए हिंदी: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी मंदिर विवाद में मंगलवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है. मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान मिली शिवलिंग जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग कराने की मांग पर चल रही सुनवाई पर अब जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश 14 अक्टूबर को फैसला सुनाएंगे. इससे पहले उन्होंने कार्बन डेटिंग कराने की मांग का विरोध कर रहे मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनी और उस पर हिंदू पक्ष के वकीलों के जवाब भी सुने. इसके बाद उन्होंने फैसला 14 अक्टूबर तक टाल दिया.
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चार महिलाओं ने किया हुआ है आवेदन
ज्ञानवापी मस्जिद का इस साल की शुरुआत में सर्वे किया गया था. इस दौरान मस्जिद के वजूखाने (नमाज से पहले हाथ-पैर धोने की जगह) के हौज का पानी खाली करने पर इसके अंदर एक शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था कि यह एक फौव्वारा है, जिसे पुराने जमाने में लगाया गया था. इस पर चार हिंदू महिलाओं ने इस शिवलिंग जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की थी. इस मसले पर 7 अक्टूबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन उस दिन अदालत ने अगली तारीख दे दी थी.
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अंजुमन इंजामिया मस्जिद समिति ने रखीं दलीलें
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति के वकील ने मुस्लिम पक्ष की दलीलें पेश की. मस्जिद समिति ने हिंदू पक्ष के आवेदन पर आपत्ति जताई और इसे सुनवाई योग्य नहीं बताया. इसके बाद चार वादियों की तरफ से एडवोकेट विष्णुशंकर जैन ने जवाब दिया. एक याची के वकील मान बहादुर सिंह ने फिलहाल कोई दलील पेश करने से इनकार कर दिया. इसके बाद अदालत ने 14 अक्टूबर को इस मामले में आदेश सुनाए जाने की बात कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी.
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