डीएनए हिंदी: लद्दाख (Laddakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर भले ही चीन पीछे हट गया हो, लेकिन उसकी तरफ से LAC के करीब लगातार मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण तेजी से जारी है. इसके चलते उसके इरादे शक के दायरे में माने जा रहे हैं. यह बात अब शायद केंद्र सरकार ने भी मान ली है. इसी कारण जल्द ही LAC के करीब इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने का काम शुरू किया जा रहा है. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पहले एक एडवांस लैंडिग ग्राउंड नायोमा एयर फील्ड (Nayoma Airfield) को अपग्रेड किया जाएगा, जिसके बाद यहां भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के फाइटर जेट किसी भी समय उतर सकेंगे और उड़ान भर पाएंगे.
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चीन सीमा से है महज 50 किलोमीटर, इसलिए बेहद अहम एयरफील्ड
नायोमा एयरफील्ड चीन सीमा (China Border) से महज 50 किलोमीटर दूर है. इसके चलते यहां से लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने की सुविधा होने पर भारत को एक अहम सामरिक बढ़त मिल जाएगी. यह एयरफील्ड इस समय भी संचालन में है. चीन के साथ साल 2020 से चल रहे स्टैंडऑफ के दौरान भी इस एयरफील्ड ने भारतीय सेना (Indian Army) को दबाव बढ़ाने में बेहद मदद दी है.
इस दौरान इस हवाई पट्टी पर C-130J स्पेशल ऑपरेशन एयरक्राफ्ट (C-130J aircraft), अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर (Apache attack helicopter), चिन्हुक हेलिकॉप्टर (Chinook chopper) और गरूड़ स्पेशल फोर्स (Garud special force) ऑपरेशन्स के लिए MI-17 हेलिकॉप्टर (Mi-17 helicopter) ने जमकर टेकऑफ और लैंडिंग की, जिनसे भारतीय सेना के जवान और LAC पर टिके रहने के लिए जरूरी सामान ढोए गए थे. अब यहां की हवाई पट्टी को लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन के लायक भी बनाया जाएगा.
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मंजूरी मिल चुकी है, BRO करेगा निर्माण
भारतीय सेना के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को ANI से बताया कि एयरफील्ड को अपग्रेड करने के लिए सभी तरह की मंजूरी मिल चुकी हैं. एक सीनियर डिफेंस ऑफिसर ने कहा, ALG जल्द ही लड़ाकू विमानों के लिए अपग्रेड किया जाएगा. इसके लिए सभी तरह की आवश्यक क्लियरेंस और मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. योजना के हिसाब से नए एयरफील्ड और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण सीमा सड़क संगठन (Border Road Organization) जल्द शुरू कर देगा. BRO इस एरिया को लड़ाकू विमानों के ऑपरेशंस को अंजाम देने के हिसाब से अपग्रेड करेगा.
उन्होंने कहा, लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन्स की क्षमता से लैस होने पर यह हवाई पट्टी किसी भी बुरी परिस्थिति का तेजी से जवाब देने में वायुसेना को सक्षम बनाएगी. पूर्वी लद्दाख सेक्टर में इस कंस्ट्रक्शन वर्क का उद्घाटन मोदी सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलते ही शुरू कर दिया जाएगा.
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LAC के करीब 2 अहम एयरबेस हो जाएंगे इसके बाद
नायोमा एयरफील्ड के अपग्रेड होते ही भारतीय सेना के पास पूर्वी लद्दाख में LAC से कुछ मिनट की दूरी पर दो अहम एयरबेस हो जाएंगे. इस इलाके में दौलत बेग ओल्डी (DBO) एयरबेस पहले से ही संचालित है, जहां से स्टैंडऑफ के दौरान सुखोई और राफेल विमानों ने उड़ान भरकर चीनी सेना पर दबाव बनाया था. IAF के ग्रुप कैप्टन अजय राठी (IAF Group Captain Ajay Rathi) के मुताबिक, LAC के बेहद करीब होने के कारण नायोमा ALG की बहुत ज्यादा सामरिक अहमियत है. इससे लेह एयरफील्ड और LAC के बीच ऑपरेशनल मूवमेंट में लगने वाले अहम अंतर की भरपाई करेगा. साथ ही इसकी बदौलत भारतीय सेना और साजोसामान पूर्वी लद्दाख सेक्टर (eastern Ladakh Sector) में तेजी से मूवमेंट कर पाएगी.
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