Indian Army के वाहनों में होगा बड़ा बदलाव, जानिए क्या तैयारी की जा रही है

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 12, 2022, 04:19 PM IST

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार महंगे हो रहे ईंधन के कारण सेना का तेल पर खर्च बढ़ रहा है. इसे कम करने के लिए खास कदम उठाया जा रहा है.

डीएनए हिंदी: क्रूड ऑयल के लगातार महंगे होने का असर अब भारतीय सेना (Indian Army) पर भी दिखाई देने लगा है. इसके चलते भारतीय सेना का ईंधन खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसे कम करने के रास्ते तलाश किए जा रहे हैं. इसी कारण अब भारतीय सेना में इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) शामिल करने की तैयारी शुरू हो गई है. बुधवार को सेनाधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में पीस स्टेशनों पर तैनात सैन्य यूनिटों के वाहनों को EV में बदला जाएगा. इसके बाद सेना की उपयोगिता के लिहाज से इन वाहनों की रिपोर्ट के आधार पर अन्य जगह भी धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहन तैनात किए जाएंगे.

25% लाइट व्हीकल, 48% मोटरसाइकिल बदली जाएंगी

ANI ने सेनाधिकारियों के हवाले से बताया है कि शुरुआत में कुछ यूनिट्स के 25% लाइट व्हीकल्स (अधिकारियों की कार, जिप्सी), 38% बसों और 48% मोटरसाइकिलों को EV में बदला जाएगा. साथ ही इनकी चार्जिंग के लिए उचित इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जाएगा.

अधिकारियों के मुताबिक, विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में EV की उपयोगिता और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सेना पीस स्टेशनों पर अपनी कुछ यूनिट्स के चरणबद्ध तरीके से EV से लैस करेगी.

अप्रैल में परखे गए थे इलेक्ट्रिक वाहन

सेना का तेल पर बढ़ता खर्च देखते हुए वैकल्पिक तरीकों पर लंबे समय से मंथन चल रहा है. अप्रैल, 2022 में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को सेना में शामिल करने की बात उठी थी. उस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (General MM Narvane) और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सामने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं ने अपने वाहन पेश भी किए थे. इनमें टाटा मोटर्स, रिवोल्ट मोटर्स और परफेक्ट मेटल इंडस्ट्रीज शामिल थे. 

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज यादव की अध्यक्षता में बना था बोर्ड

भारतीय सेना में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने पर विचार इससे भी पहले से चल रहा है. पिछले सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने इसके लिए तत्कालीन आपूर्ति एवं परिवहन महानिदेशक (DGST) लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार सिंह यादव की अध्यक्षता में अधिकारियों का एक बोर्ड बनाया था. इस बोर्ड ने इलेक्ट्रिक वाहनों की सैन्य जरूरतों के आधार पर उपयोगिता परखने के बाद अपनी सिफारिशें दी थीं. 

अधिकारियों के बोर्ड ने दी थी तीन कैटेगरी में खरीद की सिफारिश

अधिकारियों के बोर्ड ने अपनी सिफारिशों में शुरुआत में तीन कैटेगरी में वाहन खरीदने के लिए कहा था. ये तीनों कैटेगरी हल्के वाहन, बस और मोटरसाइकिल थे. इन तीनों कैटेगरी के तहत ही अब खरीद करने का निर्णय लिया गया है. 

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