INS VIKRANT के डेक पर राफेल सजेगा या F-18 फाइटर जेट, नेवी इस रिपोर्ट से तय करेगी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 22, 2022, 10:29 PM IST

देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर फिलहाल INS विक्रमादित्य से 'उधार' लिए गए MIG विमानों तैनात हैं.

डीएनए हिंदी: भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अपने 26 लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया तेज कर दी है. यह खरीद देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत (INS Vikrant) पर तैनाती के लिए हो रही है, जिसमें फ्रांसीसी फाइटर जेट राफेल (Rafale) और अमेरिकी कॉम्बेट एयरक्राफ्ट F-18 में कॉम्पिटिशन चल रहा है.

इन विमानों की खरीद का यह सौदा करीब 5 अरब डॉलर का है, जिसे अंतिम रूप देने के लिए राफेल और F-18 विमानों की एक्सटेन्सिव ट्रायल रिपोर्ट का भारतीय नौसेना मुख्यालय में आकलन शुरू कर दिया गया है.

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गवर्मेंट-टू-गवर्मेंट डील के तहत होगी खरीद

भारतीय नेवी के सबसे अहम ऑपरेशंस के लिए खरीदे जा रहे ये विमान गवर्मेंट-टू-गवर्मेंट डील (कंपनियों के बजाय दो देशों की सरकार के बीच के सौदे) के तहत खरीदे जा रहे हैं. इससे पहले भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के लिए भी 36 राफेल विमान इसी प्रक्रिया से खरीदे गए थे.

ANI ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि दोनों फाइटर जेट का एक्सटेन्सिव ट्रायल एक नेवल टीम ने हाल ही में गोवा में किया था. इसी रिपोर्ट नेवी हेडक्वार्टर भेज दी गई है, जहां फाइनल विमान को शॉर्टलिस्ट करने के लिए रिपोर्ट में दी गई परफॉर्मेंस का आकलन चल रहा है. इस आकलन में यह देखा जाएगा कि इन विमानों के टेक्नीकल स्पेशिफिकेशन्स नेवी की जरूरतों के अनुरूप हैं या नहीं.

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वजन भी बन सकता है निर्णायक फैक्टर

दोनों फाइटर जेट में से कौन सा INS विक्रान्त के लिए परफेक्ट साबित होगा, इसका फैसला केवल उस विमान की उड़ान के दौरान दिखाई गई योग्यता नहीं होगा. दरअसल अमेरिकी F-18 विमान 1,00,000 टन वजन वाले एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए डिजाइन है, जबकि फ्रांसीसी राफेल विमान करीब 60,000 टन वजन के युद्धपोत पर तैनात होने के लिए डिजाइन है. इसके उलट INS विक्रान्त का वजन करीब 45,000 टन का है. ऐसे में वजन का यह गणित भी विमान के चयन में निर्णायक फैक्टर साबित हो सकता है.

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अभी 'उधार' के विमानों से सजा हुआ है INS विक्रांत

भारतीय नेवी के पास इस समय रूस में निर्मित 40 मिग-29के (MiG-29K) फाइटर जेट्स मौजूद हैं, जो INS विक्रमादित्य (रूस से लीज पर लिया एयरक्राफ्ट कैरियर) से संचालित हो रहे हैं. इनमें से कुछ फाइटर जेट्स को ही INS विक्रांत पर तैनात किया गया है. 

भारतीय नेवी के लिए कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड में पूरी तरह स्वदेशी उपकरणों से निर्मित INS विक्रांत पर फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर मिलाकर कुल 30 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं.

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पहले 57 फाइटर जेट खरीदने की थी योजना

INS विक्रमादित्य पर तैनात MIG-21K विमानों के भी बेहद पुराना हो जाने के कारण पहले इन्हें भी बदलने की योजना थी. इसके लिए शुरुआत में 57 विमान खरीदने की तैयारी की गई थी, लेकिन बाद में इन्हें घटाकर 26 विमान पर सीमित कर दिया गया.

भारतीय वायुसेना के लिए होड़ में F-18 पर भारी था राफेल

आखिरी बार राफेल और F-18 विमानों ने भारतीय वायुसेना के लिए की गई खरीद में आमने-सामने की टक्कर ली थी, लेकिन तब बाजी राफेल विमान के हाथ लगी थी. हालांकि इस बार अमेरिकी कंपनी का दावा है कि उसने अपने विमान की परफॉर्मेंस और क्षमताओं को इम्प्रूव किया है ताकि यह भारतीय नौसेना की सभी जरूरतों पर खरा उतर सके.

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