डीएनए हिंदी: यदि आपको भारतीय रेलवे के नए एसी-3 इकोनॉमी कोच (AC3 Economy Coach) में यात्रा करना पसंद है तो अब इन कोच में भी आपको सामान्य एसी-3 कोच के बराबर ही किराया चुकाना होगा. रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने इकोनॉमी कोच में यात्रा का किराया बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है. इसके लिए बोर्ड की तरफ से एक कमर्शियल सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है. अब यात्रियों को भले ही इकोनॉमी कोच अलॉट होने पर सामान्य एसी-3 कोच के मुकाबले कम सुविधाजनक अहसास हो, लेकिन उन्हें किराया उसके बराबर ही चुकाना होगा.
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क्या कहा गया है सर्कुलर में
NBT की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे बोर्ड ने अपने सर्कुलर में एसी-3 इकोनॉमी कोच और सामान्य एसी-3 कोच को यूनिफाई करने की जानकारी दी है. इसके चलते दोनों कैटेगरी का किराया अब एकसमान कर दिया गया है. पहले इकोनॉमी कोच में कंबल और चादर नहीं दिए जाते थे, लेकिन पिछली 20 सितंबर से इन कोच में भी कंबल-चादर दिए जाने लगे हैं. इसके लिए कोच की आखिरी 3 बर्थ को खत्म करते हुए वहां लिनेन स्टोर बना दिया गया है. माना जा रहा है कि इससे कोच से मिलने वाला रेवेन्यू कम हुआ है और खर्च पहले से ज्यादा बढ़ गया है.
संभवत: इसी कारण रेलवे बोर्ड ने इकोनॉमी कोच का किराया भी अब सामान्य कोच के बराबर करने का निर्णय लिया है. यह बदलाव कब से होगा, सर्कुलर में इसकी जानकारी नहीं दी गई है. महज इतना कहा गया है कि एडवांस रिजर्वेशन पीरियड में यह लागू हो जाएगा यानी यदि आप आगे किसी तारीख का रिजर्वेशन अभी लेने जाएंगे तो आपसे इकोनॉमी और सामान्य कोच के लिए बराबर किराया लिया जाएगा.
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अब तक 8 फीसदी कम था किराया, ऐसा है इकोनॉमी कोच
एसी-3 इकोनॉमी कोच सामान्य एसी-3 कोच के मुकाबले कम जगह वाला और ज्यादा सीटों वाला होता है. सामान्य कोच की 72 सीटों के मुकाबले इकोनॉमी कोच में जर्मन एलएचबी (LHB)तकनीक के जरिये 83 सीट की व्यवस्था की गई थी. इसके लिए सीटों के बीच का लेग स्पेस घटा दिया गया था और उनकी चौड़ाई भी सामान्य कोच के मुकाबले कम की गई है. हालांकि कई सुविधाओं के मामले में इकोनॉमी कोच पुरानी तकनीक पर बने एसी कोच के मुकाबले ज्यादा अच्छा है. शुरुआत में इकोनॉमी कोच में कंबल व चादर भी नहीं दिया जा रहा था. इस खर्च के कम होने के अलावा करीब 11 सीटें ज्यादा होने के कारण इकोनॉमी कोच से रेवेन्यू पर्याप्त मिल रहा था. इसी कारण इनका किराया सामान्य कोच से 8 फीसदी कम रखा गया था.
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