डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) आदर्श भारतीय जीवन की परिभाषा कई बार बता चुके हैं. भागवत ने बृहस्पतिवार को भी दिमाग को संतुलित और केंद्रित रखने में खानपान की अहमियत को लेकर कमेंट किया है. भागवत ने नागपुर में कहा कि गलत खाना खाकर लोग गलत राह पर जाते हैं, इसलिए मांस-मछली वाला 'तामसी' खाना नहीं खाना चाहिए. भागवत ने यह भी बताया कि भारत का मतलब क्या है.
मांस-मछली खाने में फॉलो कीजिए अनुशासन
भागवत ने कहा, कहा जाता है कि यदि आप गलत खाना खाते हैं तो आप गलत राह पर चले जाएंगे. इसलिए हमें 'तामसी खाना' नहीं खाना चाहिए. पश्चिम (यूरोप, अमेरिका आदि देश) में लोग मांस और मछली खाते हैं. हमारे यहां गैर शाकाहारी लोग 'सावन' और सप्ताह के कुछ दिनों में नॉनवेज खाना नहीं खाते हैं. मांस-मछली खाने में ऐसे ही अनुशासन का पालन करने की जरूरत है. इसके बाद ही आपका दिमाग केंद्रित और संतुलित रहेगा और देश को आगे बढ़ाने के काम में जुटेगा.
भारत के हर व्यक्ति में है इसकी आत्मा
भागवत ने भारत को लेकर भी अपनी परिभाषा बताई. उन्होंने कहा, देश के हर व्यक्ति में भारत की जो आत्मा सक्रिय है. हमें ऐसा ही आदमी बनना है. भारत का भी मन, बुद्धि और आत्मा है, इसका आत्मस्वरूप ही सत्य है. उन्होंने कहा, भारत का निर्माण ही सत्य के साथ मिलन से हुआ है. हमें ऐसे परम वैभवशाली भारत के निर्माण का संकल्प लेकर जुटना है, जहां हर हिंदू पूरी दुनिया के लिए आदर्श साबित हो.
सुबह कोलकाता में दिवंगत संघ प्रचारकों को श्रद्धांजलि दी
संघ प्रमुख मोहन भागवत बृहस्पतिवार शाम को नागपुर में संबोधन से पहले सुबह कोलकाता भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने 70 साल तक संघ प्रचारक रहे केशवराव दीक्षित व श्यामल बंदोपध्याय को श्रद्धांजलि दी. दीक्षित का निधन 20 सितंबर को बीमारी के कारण हुआ था. इससे पहले उन्होंने केशव भवन पहुंचकर संघ पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.