Supreme Court की संविधान पीठ बनी 'ग्रीन बेंच', पेपरलैस होगी सुनवाई, वकीलों को दिया ये आदेश

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 07, 2022, 06:43 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल मंगाई है. 

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने वकीलों को किसी भी तरह का दस्तावेज कागजी तौर पर पेश नहीं करने के लिए कहा है.

डीएनए हिंदी: देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court of India) अब इको फ्रेंडली बनने की राह पर है. इसके लिए पहला कदम उठाते हुए सबसे पहले 5 जजों की संविधान पीठ (Supreme Court Constitutional Bench) को पूरी तरह 'ग्रीन बेंच' घोषित कर दिया गया है यानी अब संविधान पीठ के सामने किसी भी मामले में कागजी दस्तावेज पेश नहीं किए जाएंगे. इसके लिए वकीलों को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री और IT सेल के अधिकारियों से ट्रेनिंग लेने का आदेश दिया गया है.

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दिल्ली बनाम केंद्र सरकार मामले में दी जानकारी

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को वकीलों को ग्रीन बेंच के गठन की जानकारी दी. पीठ के सामने दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार के बीच राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर चल रहे विवाद से संबंधित मामला पेश किया गया.

इस दौरान संविधान पीठ ने कहा कि आज से यह एक ग्रीन बेंच होगी. अगली सुनवाई से कोई भी वकील कागजात, सबूत या दस्तावेज कागजी तौर पर पेश नहीं करेगा. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, हम इसे पूरी तरह से ग्रीन बेंच रखेंगे ताकि कोई कागजात न हो. कृपया कागजात न लाएं.

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इस पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के साथ जस्टिस एमआर शाह (Justice MR Shah), जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari), जस्टिस हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) और जस्टिस पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narsimha) शामिल हैं.

रजिस्ट्री के अधिकारियों से लें ट्रेनिंग

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि पीठ के सामने अपनी दलील पेश करने के लिए वकील सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री और आईटी सेल के अधिकारियों से शनिवार को प्रौद्योगिकी के उपयोग की ट्रेनिंग ले सकते हैं. उन्होंने कहा, सेक्रेटरी जनरल और आईटी सेल के हेड प्रौद्योगिकी के उस्ताद हैं. उन्होंने कहा है कि वे शनिवार को प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए सीनियर्स को प्रशिक्षित करने के इच्छुक हैं. 

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एक वकील के कठिनाई जताने पर जस्टिस शाह ने कहा, हमने भी ट्रेनिंग ली है. एक न एक दिन आपको भी इसे शुरू करना ही होगा. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, यदि आप अदालत में बहस कर सकते हैं, तो आप इसे आसानी से अपना सकते हैं. 

11 अक्टूबर से शुरू होगी मामले में 'पेपरलैस' सुनवाई

संविधान पीठ ने दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार मामले की सुनवाई 11 अक्टूबर से शुरू करने का निर्देश दिया. साथ ही अपने आदेश में कहा कि यह सुनवाई पूरी तरह पेपरलैस होगी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को पेपरबुक्स को स्कैन करके बेंच और दोनों पक्षों के वकीलों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. 

साथ ही पीठ ने निर्देश दिया की सुनवाई के दौरान टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए वकीलों को ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके लिए वीकएंड में एक ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया जाएगा. 

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संविधान पीठ में चल रही है अहम मामलों की सुनवाई

दिल्ली बनाम एलजी मामले के अलावा संविधान पीठ के पास कई अहम मामलों की सुनवाई चल रही है. इनमें शिवसेना पर अधिकार का विवाद, नागरिकता कानून की धारा 6ए की वैधता, अनुच्छेद 334 के तहत लोकसभा और विधानसभा में एससी/एसटी को दिए गए आरक्षण से जुड़े मामले शामिल हैं.

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