डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन (Justice Nv Ramana) शुक्रवार को रिटायर हो गए. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से उन्हें एक समारोह में विदाई दी गई, जहां सभी भावुकता से भरे दिखाई दि. इस समारोह में 27 अगस्त यानी शनिवार से देश के 49वें चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी संभालने जा रहे जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) का भी स्वागत किया गया.
इस दौरान जहां चीफ जस्टिस रमन ने अपना इस सर्वोच्च न्यायिक पद पर काम करने के दौरान का अनुभव साझा किया, वहीं जस्टिस ललित ने कहा, मेरा हमेशा मानना रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की भूमिका कानून को स्पष्टता व सटीकता से लागू कराना है. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 74 दिन के छोटे से कार्यकाल में चीफ जस्टिस के तौर पर मेरी कौन सी तीन प्राथमिकताएं रहेंगी.
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पहली प्राथमिकता केस लिस्टिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाना
जस्टिस ललित ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता कोर्ट में दाखिल केस के लिस्टिंग सिस्टम (सुनवाई के लिए तारीख लगने की प्रकिया) को ज़्यादा से ज़्यादा पारदर्शी बनाना रहेगा.
वकील जल्द सुनवाई के लिए कर सकेंगे बेंच से मांग
जस्टिस ललित ने कहा, ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिसमें वकील केस की जल्द सुनवाई को लेकर संबंधित बेंच के सामने मांग रख सकेंगे. दूसरे शब्दों में कहें तो वकीलों की भूमिका बढ़ाई जाएगी.
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पूरे साल काम करेगी कम से कम एक संविधान पीठ
जस्टिस ललित ने कहा कि संवैधानिक मामलों की सुनवाई के लिए पूरे साल कम से कम एक संविधान पीठ काम करेगी. जस्टिस ललित ने कहा, मैं समझता हूं कि सुप्रीम कोर्ट का रोल क़ानून की व्याख्या करना है, इसके लिए ज़रूरी है कि बड़ी बेंच का गठन हो ताकि संवैधानिक/ क़ानूनी मुद्दो पर लोगों के बीच स्पष्टता हो सके.
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बतौर CJI, जस्टिस रमना के काम की तारीफ की
जस्टिस ललित ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि मैं जस्टिस रमन की लोकप्रियता को मैच नहीं कर सकता. जजों के खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां और ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देना उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है. जस्टिस रमन के चीफ जस्टिस रहते हुए 250 से ज़्यादा हाईकोर्ट के जजों की नियुक्तियां हुईं. अभी हाईकोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत पद लगभग 750 हैं यानि अभी कुल जज में से एक तिहाई जजों की नियुक्ति पिछले 14 महीने में कॉलेजियम की सिफारिशों पर हुई है.
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