डीएनए हिंदी: नोएडा के सेक्टर 93 (Noida Sector 93) में 'भ्रष्टाचार का टावर' कहे जा रहे सुपरटेक ट्विन टावर (Twin Towers) अब मलबे में तब्दील हो चुके हैं. ब्लास्ट का बटन दबाने के बाद महज 9 सेकंड में 30 व 32 मंजिला करीब 103 मीटर ऊंची इमारतें कंक्रीट के ढेर में तब्दील हो गई. आसपास की किसी बिल्डिंग को नुकसान नहीं पहुंचा है. अब इसके बाद पूरी कोशिश इस धमाके से उठे मलबे और धूल के कारण प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ने को लेकर की जा रही है.
फिलहाल हवा का रुख ग्रेटर नोएडा की तरफ होने से माना जा रहा है कि नोएडा और दिल्ली के रिहायशी इलाकों पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन अगले 10 से 12 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि शाम 6.30 के बाद स्थिति को देखकर आसपास की बिल्डिंगों के लोकल रेजीडेंस को उनके घर जाने की परमिशन दी जाएगी.
17 किलोमीटर दूर तक दिखा धूल का गुबार, आसपास की बिल्डिंग काली हुई
ट्विन टावर में ब्लास्ट के बाद पूरे सेक्टर-93 में धूल का गुबार छा गया. आसमान में धूल का गुबार इतना ज्यादा था कि यह 17 किलोमीटर दूर तक भी दिखाई दिया. आसपास की सभी बिल्डिंग पर धूल रोकने के लिए लगाए गए सफेद कपड़े पूरी तरह मटमैले हो चुके हैं. इस धूल में कंक्रीट पार्टिकल्स होने के कारण आसपास मौजूद लोगों को मास्क के बावजूद सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है.
इस धूल को काबू करने के लिए स्प्रे गन्स और फायर हाइड्रेंट्स की मदद से पूरी हवा में पानी फेंका जा रहा है. पूरे इलाके में एंटी स्मॉग गन से छिड़काव किया जा रहा है. इसके बावजूद धूल का असर कई किलोमीटर तक होने की संभावना है.
कई मंजिल ऊंचा मलबे का ढेर लगा, तीन महीने में हटेगा
ब्लास्ट के बाद 103 मीटर ऊंचे दो टावर से बहुत ज्यादा कंक्रीट का मलबा निकला है. यह मलबा बराबर की बिल्डिंग की कई मंजिल ऊंचाई के बराबर दिख रहा है. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी के मुताबिक, यह मलबा हटाने के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया है. फिलहाल पूरा ध्यान इस मलबे के कारण प्रदूषण नहीं बढ़ने देने पर लगा हुआ है. बता दें कि ब्लास्ट से पहले इस इलाके का एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 110 दर्ज किया गया था. माना जा रहा है कि यह बढ़कर कई गुना हो सकता है.
आसपास की सभी इमारत सुरक्षित
ट्विन टावर के आसपास की सभी बिल्डिंगों का निरीक्षण पूरा कर लिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी बिल्डिंग को अभी कोई नुकसान नहीं दिख रहा है. ATS की बिल्डिंग नंबर-6 का निरीक्षण चल रहा है, जो इन टावर के सबसे ज्यादा करीब थी. नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ ध्वस्तीकरण की जिम्मेदारी संभाल रही जोहानिसबर्ग की कंपनी जेट डेमोलिशंस (Jet Demolitions), एडीफिश (Edifice) और CBRI के अधिकारियों की टीम बिल्डिंगों में निरीक्षण कर रही है. रितु माहेश्वरी का कहना है कि एक घंटे के अंदर ही स्थिति का बेहतर पता चलेगा.
धूल का गुबार हटने के बाद लोकल रेजीडेंट्स को आने की परमिशन
अधिकारियों का कहना है कि धूल के गुबार को जल्द से जल्द काबू करने की कोशिश की जा रही है. संभावना है कि दोपहर के बाद पूरी धूल बैठ जाएगी और स्थानीय स्तर पर प्रदूषण का लेवल कम हो जाएगा. रितु माहेश्वरी के मुताबिक, शाम 6.30 के बाद स्थिति को देखकर रेजीडेंस को अंदर आने की परमिशन दी जाएगी.
ट्रैफिक पर लगी रोक खत्म, सभी रास्तों पर आवागमन शुरू
ट्विन टावर ब्लास्ट के कारण आसपास के इलाकों में लगी ट्रैफिक के आवागमन पर रोक खत्म हो गई है. सभी रास्तों पर दोबारा ट्रैफिक शुरू हो गया है. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर रोका गया ट्रैफिक भी शुरू हो चुका है.
टावर गिरते ही बजी ताली, लगे नारे, मोदी-योगी को कहा शुक्रिया
ट्विन टावर को भ्रष्टाचार की टावर कहा जा रहा था. इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे लोग भी मौके पर मौजूद थे. जैसे ही टावर को ब्लास्ट किया गया तो लोगों ने वंदेमातरम के नारे लगाए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ज़िंदाबाद के नारे भी लगाए गए.
स्थानीय लोगों ने कहा कि इस दिन का बहुत इंतजार किया है और प्रदूषण का कोई गम नहीं है. देर से यह दिन आया है, लेकिन मोदी-योगी का और प्रशासन का बहुत शुक्रिया. लोगों ने कहा, थोड़ा-बहुत पॉल्यूशन आया है. वह भी सरकार ने साफ कर दिया है. यह टावर गिरना ही चाहिए था. धमाके को लेकर आसपास के अन्य सेक्टरों के लोगों ने कहा, हमें पहले धमाका सुनाई दिया. पूरा घर हिल गया. उसके करीब 30 से 40 सेकंड के बाद टीवी में टावर गिरते दिखाई दिए.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.