पेपर लीक करने वालों की अब खैर नहीं, दोषी पाए जाने पर होगी उम्रकैद की सजा, सरकार ने बदला कानून

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 22, 2023, 05:22 PM IST

paper leak

Rajasthan paper leak update: राजस्थान में अब पेपर लीक दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. साथ ही न्यूनतम 10 लाख और अधिकतम 10 करोड़ रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा.

डीएनए हिंदी: राजस्थान में अब पेपर लीक और भर्ती परीक्षाओं में धोखधड़ी करने वालों को कड़ी सजा और जुर्माना भुगतना पड़ेगा. इस संबंध में राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) संशोधन विधेयक, 2023 ध्वनिमत से पास हो गया. इसके तहत अब पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. पिछले साल पेपर लीक (Paper Leak) से जुड़े अपराधों के लिए 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये जुर्माने का विधेयक पारित किया गया था. इस कानून में अब संसोधन किया गया है. 

संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल (Shanti Kumar Dhariwal) ने शुक्रवार को विधानसभा में इस बिल को पटल पर रखा. एक साल में दूसरी बार आए इस बिल को ढाई घंटे की चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार सार्वजनिक भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक (Paper Leak) और नकल की रोकथाम के लिए बहुत गंभीर है. नए कानून के मुताबिक, अगर कोई पेपर लीक में दोषी पाया जाता है तो उसे 10 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. साथ ही न्यूनतम 10 लाख और अधिकतम 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माना न देने की स्थिति में 2 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

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नए कानून में कुर्की का भी प्रावधान
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इन दिनों राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं बहुत हो रही हैं. इन्हीं परिस्थितियों के मद्देनजर संशोधन विधेयक लाना जरूरी हो गया था. उत्तर प्रदेश में केलल 3 महीने की सजा है. जबकि गुजरात, झारखंड में पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर 3-3 साल की सजा दे रहे हैं. लेकिन हमने इसे सबसे ज्यादा सख्त बना दिया है. राजस्थान में नए कानून के तहत कुर्की और परीक्षा व्यय की जब्ती का भी प्रावधान है.

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उन्होंने कहा कि गुजरात में सर्वाधिक 20 बार पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं. धारीवाल ने कहा कि इससे पहले ही राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम- 2022 (Rajasthan Public Examination Act- 2022) लागू किया जा चुका था. लेकिन घटनाओं को देखते हुए अब इसमें ज्यादा सख्ती की गई है.

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