Lingayat संत शिवमूर्ति को कर्नाटक पुलिस ने किया गिरफ्तार, नाबालिग लड़कियों से रेप का आरोप

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 29, 2022, 06:30 PM IST

लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति

Lingayat Shivmurti Arrested: लिंगायत मठ के संत डॉ. शिवमूर्ति को नाबालिग लड़कियों से रेप के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

डीएनए हिंदी: नाबालिग छात्राओं की ओर से रेप का आरोप लगाए जाने के बाद कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने लिंगायत मठ के संत डॉ. शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी संत शिवमूर्ति (Shivmurti) ने कानून का पालन करने और मामले में पूरा सहयोग देने का वादा किया है. गिरफ्तार किए जाने से पहले शिवमूर्ति ने मठ के भक्तों और अन्य संतों के साथ बैठक की ताकि भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की जा सके.

शिवमूर्ति ने आगे कहा, 'भक्तों को देश के कानून को समझना चाहिए. मैं कानून का पालन करूंगा, कानून का सम्मान करूंगा और अधिकारियों को पूरा सहयोग दूंगा. स्थिति से बचने का कोई सवाल ही नहीं है.' उन्होंने आगे कहा, 'मठ के खिलाफ 15 साल से साजिश हो रही है. अब तक इसे सोच-समझकर अंजाम दिया जा रहा था लेकिन अब यह खुलकर सामने आ गया है.'

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पॉक्सो कानून के तहत दर्ज किया गया है केस
गिरफ्तारी से पहले शिवमूर्ति ने कहा, 'हमें इस स्थिति का स्थायी समाधान बुद्धिमत्ता और धैर्य से खोजना चाहिए. मुझे विश्वास है कि मैं सभी आरोपों से मुक्त हो जाऊंगा.' कर्नाटक पुलिस ने दो नाबालिग लड़कियों की शिकायत पर लिंगायत संत शिवमूर्ति के खिलाफ पॉक्सो का मामला दर्ज किया है. मामले के पीड़ितों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और उनसे सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपने बयान दर्ज करने की उम्मीद की जा रही है.

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पीड़िताओं ने पुलिस के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए हैं. मामला मैसूर से चित्रदुर्ग ट्रांसफर कर दिया गया है जहां शिकायत दर्ज की गई थी. बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बच्चियों की ओर से शिकायत दर्ज कराई है. मैसूर के एक एनजीओ ओडानाडी ने सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया था और जीवित बचे लोगों की सुरक्षा और शक्तिशाली संत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी.

'नशीली दवाएं देकर संत के पास भेजती थी वॉर्डन'
पुलिस के मुताबिक, मठ के आवासीय परिसर में रहने वाली पीड़ित छात्रों को किसी न किसी बहाने साधु के कमरे में भेज दिया गया. वहां, लड़कियों को नशीली दवाओं के साथ खाने-पीने की चीजें दी जाती थीं और संत कथित तौर पर उनका यौन शोषण करता था. पीड़ितों ने बताया कि मठ में और भी कई लड़कियां हैं जिनका यौन शोषण किया जाता है.

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आरोपी लिंगायत संत के दबदबे और राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए मैसूर आ गई हैं और सहायता के लिए ओडानाडी एनजीओ से संपर्क किया है. पुलिस ने मुख्य आरोपी के तौर पर लिंगायत साधु के खिलाफ मामला दर्ज किया है. लड़कियों को कथित तौर पर संत के पास भेजने वाली वॉर्डन रश्मि के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. मठ के एक जूनियर स्वामीजी बसवदित्य और दो अन्य कर्मचारियों पर भी शोषण को बढ़ावा देने के लिए मामला दर्ज किया गया है.

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