लोहरदगा संसदीय क्षेत्र अपने समृद्ध खनिज भंडार जैसे बॉक्साइट और लेटराइट के कारण चर्चित है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. लोहरदगा के आसपास के कई हिस्से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गिने जाते हैं. इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें शामिल हैं. ये सीटे हैं - मांडर, गुमला, लोहरदगा, सिसई और बिशुनपुर. 2024 के लोहरदगा लोकसभा सीट के लिए 13 मई को मतदान होना है.
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अभी तक लोहरदगा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलती रही है. 2009, 20014 और 2019 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के सुदर्शन भगत ने लगातार जीत दर्ज की. 2019 के आम चुनाव में सुदर्शन भगत को कुल 371595 वोट मिले थे. इस चुनाव में भगत के निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुखदेव भगत थे, जिन्हें इस लोकसभा क्षेत्र के कुल 361232 वोटरों का समर्थन मिला था. इस तरह सुदर्शन भगत महज 10363 वोटों से चुनाव जीत पाए थे. मुमिकन है जीत के इस कम मार्जिन को देखते हुए इस बार बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने समीर उरांव पर दांव खेला है. बता दें कि झारखंड में अब तक INDI गठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. फिर भी कांग्रेस ने लोहरदगा सीट के लिए सुखदेव भगत के नाम की घोषणा कर दी है. सुखदेव भगत इस सीट पर हुए 2019 के चुनाव में तकरीबन 10000 वोटों की कमी से दूसरे स्थान पर रह गए थे.
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2019 के लोकसभा चुनाव में लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में कुल वोटर 1234286 थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 601684 थी, जबकि कुल पुरुष वोटर 632595 थे. लोहरदगा लोकसभा सीट पर अनुसूचित जाति की तादाद करीब 2.69 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति करीब 64.04 फीसदी. झारखंड के दक्षिण पश्चिम का यह संसदीय क्षेत्र कोयल, शंख, नंदिनी, चौपाट, फुलझर नदियों से घिरा है. इस इलाके में छोटे-छोटे पहाड़, जंगल और झरने हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.
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