Lok Sabha Election 2024: देश का दूसरा आम चुनाव इन वजहों से था ऐतिहासिक, पहली बार संसद पहुंचे थे अटल बिहारी वाजपेयी 

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Mar 02, 2024, 03:56 PM IST

Atal Bihari Vajpayee

Lok Sabha Election 2024: 1957 में देश में दूसरा आम चुनाव हुआ था जिसमें कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस आई थी. इस चुनाव के साथ ही देश को एक युवा के रूप में अपना बड़ा नेता भी मिला था. 

देश के आजाद होने के बाद 1947 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बने थे. उनके नेतृत्व में आजाद भारत की पहली सरकार का गठन हुआ था. 5 सालों के बाद एक बार फिर देश में आम चुनाव हुए और कांग्रेस भारी बहुमत के साथ जीती थी. हालांकि, 1957 में दूसरे आम चुनाव के आते-आते कांग्रेस के खिलाफ लोगों में नाराजगी भी दिखने लगी थी. 1957 में 24 फरवरी से 9 जून तक दूसरा आम चुनाव चला था. इस चुनाव में कांग्रेस के अलावा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनसंघ और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी मुख्य दल थे. कम्युनिस्ट पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. 

बलरामपुर से जीते थे अटल बिहारी वाजपेयी 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के संसदीय इतिहास में कद्दावर और बेहद सफल नेताओं में शुमार किए जाते रहे हैं. 1952 में जब दूसरा आम चुनाव हुआ था, तो वाजपेयी पहली बार संसद में पहुंचे थे. वह बलरामपुर से जनसंघ के टिकट पर चुने गए थे. बाद में जनसंघ से ही बीजेपी (BJP) निकली. बतौर सांसद अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने पंडित नेहरू की कई बार आलोचना की थी. इसके बावजूद भी देश के पहले प्रधानमंत्री ने उनकी प्रतिभा को पहचान लिया था और कहा था कि उनमें प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं. 


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दूसरे आम चुनाव से जुड़े 5 प्रमुख तथ्य 
- इस चुनाव में परिसीमन के बाद सीटों की संख्या बढ़कर 489 से 494 हो गई थी. 

- कांग्रेस से निराशा के बाद भी जनता ने विपक्ष से ज्यादा भरोसा दिखाया और पार्टी का वोट शेयर 45% से बढ़कर 47% हो गया था. 

- कांग्रेस 371 सीटों पर जीतकर  आई थी जबकि सीपीआई के 27, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के 19 और जनसंघ के 4 सांसद चुने गए थे. 

- दूसरे आम चुनाव में 45 महिलाओं ने किस्मत आजमाई थी जिसमें से 22 ने जीत दर्ज की. 

- उत्तर भारत में कांग्रेस सबसे बड़ी ताकत के तौर पर उभरकर आई और पार्टी की 85% सीटें उसी हिस्से से आई थीं.

दूसरे आम चुनाव में पहली बार हुई थी बूथ कैप्चरिंग 
बूथ कैप्चरिंग और राजनीति में बाहुबल की घटनाएं भारतीय मतदाताओं के लिए कोई नई बात नहीं है. क्या आप जानते हैं कि दूसरे लोकसभा आम चुनाव में पहली बार बूथ कैप्चरिंग की घटना हुई थी. यह घटना कहीं और नहीं बल्कि बिहार के बेगूसराय में हुई थी. बेगूसराय के रचियारी गांव के कछारी टोला बूथ पर स्थानीय लोगों ने कब्जा कर लिया था. यह आजाद भारत के संसदीय इतिहास में बूथ कैप्चरिंग की पहली घटना थी. हालांकि, इसके बाद देश भर में बूथ कैप्चरिंग से लेकर मतपेटी नष्ट करने जैसी कई घटनाएं हुईं. 


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