डीएनए हिंदी: इंडिया अलायंस में लगातार बिखराव की खबरों के बीच देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग का मामला निपटता दिख रहा है. शनिवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर ऐलान किया कि लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों के बीच आम सहमति बन गई है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कांग्रेस किस सीट पर लड़ेगी. कांग्रेस को 11 सीटें देने का ऐलान किया गया है. अब तक इस पर दूसरे दलों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. अखिलेश यादव ने इसे गठबंधन की सौहार्दपूर्ण शुरुआत बताया और दावा किया है कि उनकी पीडीए की रणनीति इतिहास बदल देगी. चुनावी नतीजों में भी इसका असर देखने को मिलेगा. माना जा रहा है कि कांग्रेस को पश्चिमी यूपी से चार सीटें मिल सकती हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर गठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट शेयरिंग पर सहमति की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस के साथ 11 मज़बूत सीटों से हमारे सौहार्दपूर्ण गठबंधन की अच्छी शुरुआत हो रही है… ये सिलसिला जीत के समीकरण के साथ और भी आगे बढ़ेगा. ‘इंडिया’ की टीम और ‘पीडीए’ की रणनीति इतिहास बदल देगी.' अब तक इस पर कांग्रेस पार्टी के किसी बड़े नेता की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं दानिश अली
कांग्रेस को 11 सीटें मिलने का तो ऐलान किया गया है लेकिन यह नहीं बताया गया कि कौन सी सीट पर किस पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा. माना जा रहा है कि रायबरेली और अमेठी सीट पर फिर से कांग्रेस चुनाव लड़ने वाली है. ख़बरों के मुताबिक़ कांग्रेस पश्चिमी यूपी की चार सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इनमें से एक सीट अमरोहा की हो सकती है, जहां कुंवर दानिश अली सांसद है. 2019 लोकसभा चुनाव में अली बीएसपी के टिकट पर चुनाव जीते थे लेकिन पिछले महीने ही उन्हें मायावती ने पार्टी से निकाल दिया था.उनका कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना भी लगभग तय है.
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अन्य राज्यों में भी बनेगी बात?
सीट शेयरिंग को लेकर ही नीतीश कुमार की नाराजगी बताई जा रही है और अब वह एनडीए में फिर से शामिल होने जा रहे हैं. ममता बनर्जी ने तो बंगाल में अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है. उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे के बाद देखना है कि दूसरे राज्यों में भी इस पर सहमति बनती है या नहीं. सीट शेयरिंग को लेकर असमंजस की स्थिति महाराष्ट्र में भी है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश में अब तक कांग्रेस के साथ कोई मजबूत साथी नहीं आया है. चंद्रबाबू नायडू एक बार फिर एनडीए में शामिल हो सकते हैं.
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