कौन हैं माधवी लता जो ओवैसी के गढ़ हैदराबाद में कर रही हैं कील ठोंकने की तैयारी

Written By पूजा मेहरोत्रा | Updated: May 09, 2024, 12:56 PM IST

BJP candidate Madhavi Latha & Asaduddin Owaisi

हैदराबाद की सीट वर्ष 1984 से ही एआईएमआईएम के पास ही है.और अगर हैदराबाद के इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट पर ओवैसी परिवार का ही दबदबा रहा है.

लोकसभा चुनाव और जीत को लेकर जबरदस्त वादे और दावे किए जा रहे हैं. पिछले दिनों हैदराबाद से भाजपा की प्रत्याशी डॉ. माधवी लता ने कहा कि वह अपने प्रतिद्वंदी असदुद्दीन ओवैसी को डेढ़ लाख से अधिक मतों से हराएंगी. माधवी के इस जवाब पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर माधवी की तारीफ की. 

माधवी को भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में इस बार हैदराबाद सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मैदान में उतारा है. 49 वर्ष की माधवी मल्टी टैलेंटेड हैं. वह बिजनेस वुमन तो हैं ही साथ ही भरतनाट्यम में पारंगत हैं. यही नहीं वह पेंटिंग भी करती हैं और समाजसेवा में भी सक्रिय हैं.  

वह लंबे समय से हैदराबाद मुस्लिम-बहुल पुराने शहर में सक्रिय हैं. ऐसा माना जा रहा है इस बार ओवैसी का किला माधवी ढहाएंगी और नहीं तो उन्हें जोरदार चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

हैदराबाद की यह सीट वर्ष 1984 से ही एआईएमआईएम के पास ही है और अगर हैदराबाद के इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट पर ओवैसी परिवार का ही दबदबा रहा है. हालांकि 1948 से तो यह ओवैसी परिवार की ही सीट मानी जाती है. सलाहुद्दीन औवेसी और फिर उनके बेटे असदुद्दीन औवेसी यहां से चुनाव जीतते रहे हैं. 


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चार बार के सांसद बनाम पहली बार

बता दें कि हैदराबाद की इस सीट पर पिछले 40 साल से मुस्लिम नेताओं का ही दबदबा रहा है. असदुद्दीन ओवैसी इस सीट से चार बार के सांसद हैं और उन्होंने 2019 में बीजेपी के भगवंत राव को 2.5 लाख से अधिक वोटों से हराया था.  2014 में भी भाजपा के भगवंत राव को ओवैसी ने हराया था. अगर इस सीट पर वोट प्रतिशत की बात करें तो यह लगातार बढ़ती ही जा रही है और 2019 में  58.9 फीसदी थी, 14 में यह 52.8 प्रतिशत रही थी और 2009 में यह 42.1 प्रतिशत थी. 
यानी 1984 के बाद से यहां कोई भी हिंदू सांसद नहीं बन सका है.  सबसे पहले असदद्दीन ओवैसी से पहले उनके पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी यहां से निर्दलीय जीते थे. उसके बाद से उन्होंने 2004 तक लगातार इस सीट से जीत हासिल की.


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सात विधानसभा सीट वाली इस लोकसभा सीट में करीब 19 लाख मतदाता हैं. वैसे तो यहां राज्य में कांग्रेस की सरकार है. 119 विधानसभा वाली इस विधानसभा में कांग्रेस को 64 सीटें आईं थीं. इन सात सीटों में गोशामहल सीट पर भाजपा का कब्जा है और टी राजा सिंह यहां से विधायक हैं.बाकी बची 6 सीटों पर एआईएमआईएम के विधायक हैं.

पिछले दिनों माधवी ने जी को इंटरव्यू देते हुए पीएम मोदी को 'युग का महायोगी' कहा है.

मोदी जी मुझे निडर होकर सच बोलने की हिम्मत आपसे ही मिली है और हमारी पार्टी का आदर्श #SabkaSathSabkaVikas ही मेरी प्रेरणा है। हम आखिरी सांस तक आपके दिखाए रास्ते पर चलेंगे और इस बार हैदराबाद लोक सभा में भाजपा की जीत सुनिश्चित करेंगे। #AbkiBaar400Baar #HumSabModiJiKaParivar

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बता दें जी को दिए इंटरव्यू में माधवी ने कहा कि, 'हैदराबाद का इतिहास इस चुनाव में बदलने जा रहा है.' मजेदार बात ये है कि ओवैसी और माधवी दोनों ने ही हैदराबाद के  निजाम कॉलेज से पढ़ाई की है. यही नहीं जब माधवी को भाजपा की तरफ से इस सीट पर ओवैसी के खिलाफ मैदान में उतारा गया तो वो ओवैसी के घर गईं और उन्होंने उनकी पत्नी से भी मुलाकात की. 

खास बातचीत में माधवी ने यह भी कहा कि मैं धर्म और सच की लड़ाई लड़ रही हूं.  माधवी अपने बचपन में हुए सांप्रदायिक दंगे को याद करते हुए भावुक भी हुई और उन्होंने कहा जब छोटी थी तो किस तरह बचपन में दंगे हुए थे तो वो लोग रात रात भर जागते थे. महिलाएं मिर्ची पाउडर के साथ तो पुरुष डंडे के साथ तैयार रहते थे. 

उन्होंने यह भी कहा कि, 'जब छोटी थी तो सांप्रदायिक दंगे होते थे आज राजनीतिक दंगे होते थे. ' हैदराबाद में लेडी सिंघम के नाम से पॉपुलर  माधवी ने यह भी कहा कि पिछले 40 साल में हैदराबाद में यही बदला की मुसलमान आज भी उतने ही गरीब हैं जितने हिंदू गरीब हैं.

माधवी से जब पूछा गया कि आप मुस्लिम महिलाओं से बच्चे पैदा न करने की बात क्यों करती हैं तो उन्होंने तपाक से कहा कि, 'मैं बच्चे पैदा करने से मना नहीं कर रही हूं. मेरा कहना है आप कितने भी बच्चे पैदा कीजिए लेकिन आपके बच्चे पांडव हों कौरवों को पैदा मत कीजिए.'

माधवी ने आगे कहा कि अगर आप बच्चों को खाना, पढ़ाई या कपड़ा नहीं दे पा रहे हैं तो उस बच्चे को पैदा क्यों कर रहे हैं. उस बच्चे को पता ही नहीं कि वो इस दुनिया में क्यों आया है.

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