लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. मोदी सरकार अपने 10 साल के कामकाज के साथ जनता के बीच है तो वहीं, INDIA ब्लॉक के नेता मोदी सरकार की कमियां गिनाते हुए कई तरह के आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. राहुल-प्रियंका देश के कई राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे लेकिन चार चरणों के चुनाव होने के बाद भी वह दोनों पश्चिम बंगाल नहीं गए हैं. ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पश्चिम बंगाल प्रचार करने के लिए पहुंचे लेकिन राहुल-प्रियंका नहीं आए. कांग्रेस व वामपंथी मिलकर राज्य में I.N.D.I.A गठबंधन के घटक दल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. माना जा रहा है कि अघोषित रूप से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार से खुद को अलग रखा हुआ है. कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी को सीधा संदेश देना चाहता है कि वह अधीर चौधरी के फैसले के साथ नहीं है.
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क्या बोले अधीर रंजन?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल-प्रियंका के बंगाल में प्रचार न करने को लेकर अधीर रंजन चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा,'मेरे चुनाव प्रचार के लिए किसी की जरूरत नहीं है, राहुल गांधी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बंगाल आना चाहते थे लेकिन मैंने ही इसकी जरुरत नहीं समझते हुए उन्हें नहीं आने को कहा था.' बता दें कि कांग्रेस हाईकमान बंगाल में तृणमूल के साथ गठबंधन के पक्ष में था लेकिन अधीर रंजन चौधरी के लिए तैयार नहीं थे. गौरतलब है कि अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरमपुर सीट से लड़ रहे हैं.
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