18वीं लोकसभा के पहले दिन आक्रामक तेवर में दिखे PM Modi, बोले- 'लोकतंत्र पर काला धब्बा थी इमरजेंसी'

Written By सुमित तिवारी | Updated: Jun 24, 2024, 03:11 PM IST

18 वीं लोकसभा का आज से पहला संसद सत्र शुरू हुआ है. सत्र की सुरूआत से पहले PM Modi ने मीडिया से बातचीत करते हुए इमरजेंसी (25 June 1975) को लोकतंत्र पर 'काला धब्बा' बताया हैं.

सोमवार यानी आज से भारत की 18 वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ है. संसद में सबसे पहले PM Modi ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद अमित शाह, राजनाथ, पीयूष गोयल, शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रियों ने शपथ लेने का शिलशिला शुरू हुआ. वहीं जैसे ही NDA के नवनिर्वाचित सांसदों ने एक-एक करके शपथ लेना शुरू किया विपक्षी खेमे में हलचल होना शुरू हो गई. बता दें कि संसद का यह सत्र तीन जुलाई तक प्रस्तावित है.
 
भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बनने पर विवाद
विपक्षी खेमा भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बनने को लेकर नराज है. उनका कहना है कि लोकसभा की परंपरा तोड़ी गई है. परंपरा के मुताबिक, भर्तृहरि महताब से ज्यादा सीनियर सांसद के. सुरेश हैं, लेकिन, सरकार ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाकर एक बार फिर विपक्ष का मजाक बनाया है.

प्रोटेम स्पीकर कौन होता है. 
प्रोटेम स्पीकर वह व्यक्ति होता है, जिसकी अध्यक्षता में निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाती हैं. इसका चयन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है. सभी सदस्यों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम जब पूरा हो जाता है, तब लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है. वहीं सत्र की शुरूआत में ही विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने केंद्र सरकार का लगातार कई मुद्दों पर घेराव शुरू कर दिया है. 

इमरजेंसी लोकतंत्र पर काला धब्बा- PM Modi
सत्र शुरू होने से पहले PM Modi ने मीडिया से बातचीत करते हुए इमरजेंसी को लोकतंत्र पर काला धब्बा बताया हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 'संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है, यह वैभव का दिन है. आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह सपथ ग्रहण समारोह हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी. PM Modi ने आगे कहा कि 'कल 25 जून है, 50 साल पहले इसी दिन संविधान पर काला धब्बा लगा दिया गया था. हम कोशिश करेंगे कि देश में कभी भी ऐसी कालिख न लग सके.
 


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नागरिक स्वतंत्रता का निर्मम दमन
PM Modi ने कहा, ‘‘आपातकाल के ये 50 साल इस संकल्प के हैं, गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए... भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए... देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था,’’ देश में 25 जून, 1975 को आपातकाल घोषित किया गया था और यह 21 मार्च, 1977 तक जारी रहा. इस अवधि को नागरिक स्वतंत्रता के निर्मम दमन के तौर पर देखा जाता है.

विरोध करने वाले नेताओं को किया गया गिरफ्तार
इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस कदम का विरोध करने वाले नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपाताल की 50वीं बरसी के मौके पर मंगलवार को ‘हम संकल्प करेंगे जीवंत लोकतंत्र का, और भारत के संविधान में निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने का’ लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के संविधान के निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार जन सामान्य के सपनों को पूरा करने के लिए देश की जनता ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को लगातार तीसरी बार मौका दिया है.

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