लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सभी निर्वाचित सदस्यों ने संसद में शपथ ग्रहण की. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कई सांसदों ने ऐसे नारे लगाए जो काफी चर्चा में रहे हैं. जिनको को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल होने लगी थी. देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन भी होने लगा था. इसको देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष Om Birla ने शपथ के नियमों में संशोधन किया है.
अब संशोधन के मुताबिक निर्वाचित सांसद सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेते समय कोई भी अतिरिक्त टिप्पणी नहीं कर सकते. यह संशोधन पिछले सप्ताह शपथ लेते समय कई सदस्यों द्वारा "जय संविधान" और "जय हिंदू राष्ट्र" जैसे नारे लगाने की पृष्ठभूमि में आया है.
ओम बिरला ने सदन के कामकाज के लिए 'अध्यक्ष के निर्देशों' में 'निर्देश-1' में एक नया खंड जोड़ा है, इस संशोधन के अनुसार नया खंड-तीन अब यह कहता है कि एक सदस्य शपथ या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा और "शपथ के रूप में उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में किसी भी शब्द का उपयोग या अभिव्यक्ति नहीं करेगा अथवा कोई टिप्पणी नहीं करेगा.
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18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कुछ सांसदों ने शपथ लेते समय 'जय फिलिस्तीन', 'जय हिंदू राष्ट्र' जैसे नारे लगाए. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सत्र के दूसरे दिन शपथ ली थी. उन्होंने सपथ के दौरान "जय फिलिस्तीन" के नारा लगाया था. जिसको लेकर राजनीति गरमा गई थी.
संसद में ऐसे नारों को लेकर देश में कई जगह विरोध प्रदर्शन किया था. देश में कई जगह ओवेसी के पुतले फूंके गए थे. इस प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग शामिल थे.
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