कर्नाटक के रायचूर जिले के गांव में कृष्णा नदी से हाल में ही भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति मिली है. मूर्ति में सभी दशावतार उकेरा गया है और मूर्ति के साथ एक शिवलिंग भी मिला है. कहा जा रहा है कि कृष्णा नदी में मिली भगवान विष्णु की मूर्ति अयोध्या में नवनिर्मित रामलला की प्रतिमा से काफी मिलती-जुलती है. मूर्ति मिलने की खबर के बाद आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और मूर्ति को गांव के रामलिंग मंदिर में ले जाया गया और विशेष पूजा की गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कृष्णा नदी पर बने ब्रिज पर हो रहे काम के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति मिली. भगवान विष्णु के इस विग्रह के साथ ही एक प्राचीन शिवलिंग भी मिला है. मूर्ति की विशेषताओं की बात करें तो इस मूर्ति में विष्णु खड़ी अवस्था में है और उनकी चार भुजाएं हैं. उनके दो ऊपरी हाथों में शंकर और चक्र है और उनका निचला हाथ वरदान देने की स्थिति में है.
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जानिए मूर्ति की विशेषताएं
रायचूर यूनिवर्सिटी में प्राचीन इतिहास और पुरातत्व के लेक्चरर डॉ. पद्मजा देसाई ने विष्णु की इस मूर्ति के बारे में बताया कि कृष्णा नदी बेसिन में पाई गई. इस विष्णु मूर्ति में कई खास विशेषताएं हैं. उन्होंने कहा कि इस में भगवान विष्णु के चारों ओर की आभा मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिम्हा, वामन, राम, परशुराम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि जैसे ‘दशावतार’ को दर्शाया गया है. इसके साथ उन्होंने बताया कि यह निश्चित रूप से एक मंदिर के गर्भगृह का हिस्सा रही होगी. संभवत: इसे मंदिर में हुई तोड़फोड़ से बचाने के लिए नदी में डाला गया होगा. इस प्रतिमा को थोड़ी क्षति पहुंची है. विग्रह की नाक थोड़ी क्षतिग्रस्त है. उनका मानना है कि यह मूर्ति ईसा पश्चात 11वीं या 12वीं शताब्दी की है.
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