उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट थाने में मोहित पांडे की मौत के मामले में एक्शन हुआ है. थाने के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार चतुर्वेदी को हटा दिया गया है. उस मामले में पुलिस निरीक्षक के खिलाफ हत्या और साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि 'पुलिस हिरासत' का नाम बदलकर 'अत्याचार गृह' रख देना चाहिए.
पुलिस के मुताबिक, चिनहट के जैनाबाद निवासी मोहित कुमार पांडे को पुलिस ने शनिवार रात को लड़ाई झगड़े के मामले में हिरासत में लिया था. अगले दिन जब कोर्ट में पेशी के लिए उसे लेकर जा रहे थे, तबी अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. आनन-फानन में मोहित को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और बाद में उच्चतर केंद्र ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
घटना के बाद पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने पुलिस पर मोहित पांडे की हत्या का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन किया. विभूति खंड के सहायक पुलिस आयुक्त राधारमण सिंह ने बताया कि इस मामले में मृतक मोहित की मां की शिकायत पर चिनहट थाने के इस्पेक्टर अश्विनी कुमार चतुर्वेदी और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (1) (हत्या) और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
CCTV वीडियो आया सामने
अश्विनी चतुर्वेदी पर लगे आरोपों के मद्देनजर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिय गया है. पुलिस की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक डॉक्टरों के पैनल द्वारा किए गए शव के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, लिहाजा रासायनिक विश्लेषण के लिए विसरा सुरक्षित कर लिया गया है. इस बीच, घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मोहित हवालात में लेटा हुआ दिखाई दे रहा है.
हालांकि, परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मोहित को हिरासत में इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. खुद को बचाने के लिए जानबूझकर वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा लीक किया है. मोहित के भाई शोभाराम ने कहा कि उसे भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, बाद में उसे छोड़ दिया गया. उसने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके भाई को उसके सामने बेरहमी से पीटा और वह कुछ नहीं कर सका.
अखिलेश-प्रियंका ने योगी सरकार को घेरा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए) का दूसरा समाचार मिला है. नाम बदलने में माहिर सरकार को अब 'पुलिस हिरासत' का नाम बदलकर 'अत्याचार गृह' रख देना चाहिए. पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं.' वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना को लेकर पुलिस पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के जंगलराज में पुलिस क्रूरता का पर्याय बन चुकी है. (PTI इनपुट के साथ)
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