Lumpy Virus से गुजरात में मर गए 1,240 मवेशी, जानिए क्या है यह खतरनाक बीमारी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 31, 2022, 03:57 PM IST

लंपी वायरस से मर रहे हैं मवेशी

Lumpy Virus Gujarat: गुजरात के कई जिलों में लंपी वायरस की वजह से मरने वाले मवेशियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कृषि मंत्री ने कहा है कि अब तक कुल 1,240 मवेशी मर चुके हैं.

डीएनए हिंदी: गुजरात में मवेशियों को होने वाले लंपी वायरस (Lumpy Virus) की हजारों जानवरों की मौत हो चुकी है. राज्य के कृषि मंत्री राघवजी पटेल (Raghavji Patel) ने कहा है कि राज्य में लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) के कारण अब तक 1,240 मवेशियों की मौत हो चुकी है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि मरने वाले मवेशियों की संख्या 25 से 30 गुना ज़्यादा है. विपक्ष का दावा है कि राज्य सरकार मरने वालों मवेशियों की संख्या छिपा रही है.

जामनगर नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री ने शनिवार शाम को दिए अपने बयान में कहा कि लंपी वायरस से संक्रमित लगभग 50,000 मवेशियों का इलाज किया जा रहा है. वहीं, इस संक्रमण से 1240 की मौत हो गई और 15 लाख का टीकाकरण किया जा रहा है. गुजरात में जानवरों के लगातार मरने की वजह से अब किसान और आम लोग भी काफी परेशान हो गए हैं.

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क्या है लंपी वायरस?
लंपी स्किन डिजीज मवेशियों की त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है. यह तेजी से मवेशियों में फैल रही है. इसे 'गांठदार त्वचा रोग वायरस' (एलएसडीवी) कहते हैं. दुनिया में मंकीपॉक्स के बाद अब यह दुर्लभ संक्रमण वैज्ञानिकों की चिता का कारण बना हुआ है. इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए पशुओं को टीका लगाया जा रहा है. इसमें, जानवरों की चमड़ी पर छोटी-छोटी गांठें बन जाती हैं और देखते ही देखते इन गांठों की संख्या काफी ज़्यादा हो जाती है.

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गुजरात सरकार के आरोप पर कच्छ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यजुवेंद्र सिंह जडेजा ने आरोप लगाया कि सरकारी आंकड़े सच्चाई से कोसों दूर हैं. केवल कच्छ में ही करीब 25,000-3000 मवेशियों की मौत हो गई है. जडेजा ने कहा कि मृत मवेशियों को शहर या गांवों के बाहरी इलाके में फेंक दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'अगर आप शहर का दौरा करेंगे तो आप सड़कों पर मवेशियों के शवों को देख सकते हैं. बॉडी को इकट्ठा करने और उन्हें नष्ट करने के लिए नगर पालिका के पास कोई सिस्टम नहीं है.' 

भुज नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम ठक्कर ने कहा, 'शुरूआत में हम यह पता नहीं लगा सके कि यह बीमारी कितनी तेजी से फैल रही है या इससे कितने मवेशियों की जान चली गई है लेकिन बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत की खबरें आ रही हैं. मृत मवेशियों के लिए नगरपालिका ने गहरे गड्ढे खोदे हैं और दो मीट्रिक टन नमक खरीदा है ताकि उनके शरीर को नष्ट किया जा सके.' जडेजा ने कहा कि कच्छ कांग्रेस कमेटी ने एक सर्वे शुरू कर दिया है और चरवाहों से मृत मवेशियों का विवरण साझा करने के लिए फॉर्म भरने के लिए कह रही है.

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