Chandrayaan 3: Luna 25 के क्रैश होने के बाद चंद्रयान-3 पर टिकी दुनिया की नजर,  भारत महाशक्ति बनने को तैयार

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 21, 2023, 12:32 AM IST

Chandrayaan-3 

Russia Luna 25 Crashed: रूस के लूना 25 के क्रैश होने के बाद अब भारत के चंद्रयान की सफलता पर पूरी दुनिया की नजर है. अभी तक दुनिया की किसी भी स्पेस एजेंसी का अंतरिक्ष यान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं गया है. अगर चंद्रयान 3 सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहता है तो भारत अंतरिक्ष में महाशक्ति बन जाएगा. 

डीएनए हिंदी: रूस का लूना 25 (Luna 25 Crashe) अंतरिक्ष यान क्रैश होने के बाद अब पूरी दुनिया की निगाहें चंद्रयान 3 पर टिकी हैं. भारत ने चंद्रयान-2 भी भेजा था जिसकी सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो सकी थी. रूस से पहले जापान भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुप पर अपना स्पेसक्राफ्ट लैंड नहीं करा पाए हैं. अगर भारत का मिशन चंद्रयान-3 कामयाब रहता है तो भारत को अंतरिक्ष में सुपर पावर बना देगी. यहां से भारत का अंतरिक्ष जगत में महाशक्ति के तौर पर नया दौर शुरू होगा. दक्षिणी ध्रुव पर अब तक दुनिया के किसी देश का स्पेसक्राफ्ट नहीं पहुंच सका है. रूस अब इस दौर से बाहर है और भारत के पास इतिहास रचने का स्वर्णिम मौका है. पूरे देश में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं. 

चंद्रयान-3 की सफलता से भारत बनेगा महाशक्ति 
अमेरिका और रूस के बाद चीन चांद पर जाने वाला तीसरा देश है. चीन का अंतरिक्ष यान 2019 में पहली बार चांद पर उतरा था. अगर भारत का चंद्रयान-3 सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहता है तो भारत इस लिस्ट में चौथा देश बन जाएगा. इसके अलावा भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाला पहला देश बन जाएगा. इसरो के वैज्ञानिकों और रिसर्च टीम ने बेहद कम लागत में चंद्रयान-3 तैयार किया है जिससे पूरी दुनिया की अंतरिक्ष एजेंसियां हैरान रह गई हैं. बताया जा रहा है कि चंद्रयान-3 मिशन में 615 करोड़ का खर्च आया है.

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जितनी रकम में भारत चंद्रयान-3 मिशन करने में कामयाब रहा है उससे ज्यादा कीमत में हॉलीवुड फिल्में बनती हैं. इसरो की कम लागत में अंतरिक्ष अनुसंधान और रिसर्च की क्षमता का लोहा पिछले कुछ दशकों में पूरी दुनिया ने माना है. भारत का मंगलयान भी इसका सफल उदाहरण है. चंद्रयान-2 से पूरे देश को उम्मीद थी लेकिन उसकी लैंडिंग सफल नहीं रही थी. अब पूरे देश की नजरें चंद्रयान-3 पर हैं और हर भारतवासी इस महत्वाकांक्षी मिशन के पूरा होने की उम्मीद कर रहे हैं. 

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23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग होगी 
चंद्रयान-3 की लैंडिंग की तैयारी 23 अगस्त को करने की तैयारी है. इसरो इसे कई प्लेटफॉर्म पर लाइव दिखाने की तैयारी कर रहा है.चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर का नाम विक्रम साराभाई (1919-1971) के नाम पर रखा गया है. 17 अगस्त 2023 को प्रोपल्शन मॉड्यूल से विक्रम लैंडर अलग हुआ था. ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-3 अब तक हर पड़ाव में सफल रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास उम्मीद से ज्यादा फ्यूल बचा हैऔर ज्यादा कोई दिक्कत नहीं आई तो प्रोपल्शन मॉड्यूल अभी काफी सालों तक काम कर सकता है. पहले इसके 3 से 6 महीने तक काम करने की उम्मीद जताई जा रही थी.

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