डीएनए हिंदी: असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार (Himanta Biswa Sarma) ने मदरसों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार द्वारा 800 मदरसे खत्म कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी राज्य में बहुत सारे कौमी मदरसे हैं. लोगों को इन मदरसों पर नजर रखनी चाहिए कि इनमें क्या विषय बच्चों को पढ़ाए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि आज मोरीगांव में आपदा प्रबंधन अधिनियम और यूएपीए अधिनियम के तहत जमीउल हुडा मदरसे को तोड़ा गया है. हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि इस मदरसे में जो 43 बच्चे पढ़ रहे थे उन्हें अब विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिया गया है. मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा ने 2017 में भोपाल से इस्लामिक लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी.
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हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य "जिहादी गतिविधियों" का अड्डा बन रहा है और पिछले कुछ महीनों में यहां बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल इस्लाम के पांच ‘मॉड्यूल’ का पर्दाफाश हुआ है. उन्होंने कहा कि अंसारुल इस्लाम से संबंधित छह बांग्लादेशी नागरिक, युवाओं को बरगलाने के लिए असम आए और उनमें से एक को इस साल मार्च में बारपेटा में पहले मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि असम के बाहर के इमामों का मुस्लिम युवकों को निजी मदरसों में पढ़ाई के नाम पर बरगलाना चिंताजनक है.
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मुख्यमंत्री ने कहा, "जिहादी गतिविधि आतंकवादी या उग्रवाद गतिविधियों से बहुत अलग है. यह कई वर्षों तक बरगलाने के साथ शुरू होती है, इसके बाद इस्लामी कट्टरवाद को बढ़ावा देने में सक्रिय भागीदारी होती है, और अंत में विध्वंसक गतिविधियों की तरफ जाती है." राज्य में 2016-17 में "अवैध रूप से प्रवेश करने वाले" बांग्लादेशी नागरिकों ने कोविड-19 महामारी के दौरान कई प्रशिक्षण शिविरों का संचालन किया. उन्होंने कहा, "इनमें से केवल एक बांग्लादेशी को अब तक गिरफ्तार किया गया है, और मैं लोगों से अपील करता हूं कि राज्य के बाहर का कोई भी मदरसे में शिक्षक या इमाम बन जाए तो उसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें."
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BSF के अधिकार क्षेत्र को लेकर पूछे गए एक सवाल में उन्होंने कहा कि असम पहले ही बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार का स्वागत कर चुका है. हम बीएसएफ को हरसंभव सहयोग की पेशकश कर रहे हैं. हम हमेशा केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
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