Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाया है. इस रिपोर्ट में उनका और अडानी ग्रुप के बीच बिजनेस कनेक्शन बताया है. इन आरापों को लेकर सेबी चीफ माधबी पुरी बुच की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. इस बयान में उनपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है. साथ ही कहा गया है कि 'हिंडनबर्ग ने जिस बात का जिक्र किया है, वो निवेश 2015 का है, जिस समय वो सिंगापुर में प्राइवेट रेजिडेंट के तौर पर थे.' वहीं माधबी बुच की ओर से जारी बयान को लेकर हिंडनबर्ग ने एक और प्रतिक्रिया दी है.
माधबी पुरी का बयान
माधबी पुरी बुच ने बताया कि 'इस फंड में निवेश करने का फैसला धवल बुच के बचपन के दोस्त चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर अनिल आहूजा (Anil Ahuja) की मौजूदगी में हुआ था. माधबी बुच ने आगे कहा कि 'अनिल आहूजा 3i ग्रुप पीएलसी, सिटीबैंक और जेपी मॉर्गन में कार्य करने के बाद एक अनुभवी निवेशक थे. बयान में यह भी कहा गया है कि फंड ने कभी भी अडानी समूह की कंपनियों के किसी भी बॉन्ड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया, जैसा कि आहूजा ने पुष्टि की है.'
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हिंडेनबर्ग का पलटवार
हालांकि, हिंडेनबर्ग ने बुच की सफाई का तुरंत खंडन किया है. हिंडेनबर्ग ने कहा कि 'सेबी की चीफ माधबी बुच के जवाब में कई महत्वपूर्ण नए सवाल खड़े हुए और उनके इस बयान में उन्होंने खुद स्वीकार किया हैं.' वहीं सेबी चीफ और उनके पति ने इन सभी बयानों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के द्वारा उनके चरित्र को खराब करने की कोशिश हो रही है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हम अपने सभी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने के लिए तैयार हैं.
हिंडनबर्ग SEBI चीफ पर लगाए गंभीर आरोप
हिंडनबर्ग ने कहा कि सिंगापुर के रिकॉर्ड के अनुसार माधबी बुच 16 मार्च, 2022 तक अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर की 100% शेयरधारक बनी रहीं, और SEBI की पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इसकी मालिक रहीं. हिंडनबर्ग ने बताया, 'उन्होंने SEBI चीफ के रूप में अपनी नियुक्ति के दो सप्ताह बाद ही अपने शेयर अपने पति के नाम पर स्थानांतरित कर दिए.'
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