भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महासचिव और मध्य प्रदेश सरकार के मौजूदा केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में एक सामाजिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'देश में अगले 30 साल बाद गृह युद्ध हो सकता है. जिस प्रकार हमारे देश में जनसांख्यिकी (Demography) में परिवर्तन हो रहा है, 30 साल बाद हालात ऐसे हो सकते हैं कि आप लोग यहां नहीं रह पाएं.' कैलाश विजयवर्गीय के इस बयन के बाद जमकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. आपको बता दें की इंदौर के एक सामाजिक संगठन द्वारा 'सामाजिक समरसता रक्षाबंधन पर्व' के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में विजयवर्गीय ने विवादित बयान दिया. इस कार्यक्रम में भाजपा और संघ के नेता भी उपस्थित थे, जिन्होंने सफाईकर्मी महिलाओं से राखी बंधवाई.
और क्या सब बोले विजयवर्गीय
दरअसल इंदौर में आयोजित हुई सामाजिक समरसता रक्षाबंधन पर्व नाम की एक सभा के दौरान उन्होंने ये बयान दिया है. विजयवर्गीय आगे कहते हैं कि 'उन्हें सेना से सेवानिवृत्त हो चूके एक अधिकारी जो अक्सर सामाजिक कार्य में लगे रहते हैं, उन्होंने इसकी जानकारी दी है.' अपने इस बयान में उन्होंने आगे कहा कि 'आज के समय में सामाजिक समरसता बना रहना बहुत जरूरी है.' उन्होंने कहा कि 'हमें इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा, हमें यह देखना होगा कि हिंदू शब्द को और अधिक मजबूत कैसे बनाया जाए.' विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि 'कुछ लोग अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति के तहत सिर्फ सत्ता पाने के लिए हिंदू समुदाय को जाति के आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.'
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इस बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आपत्ति जताई है.
एमपी प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने इस बयान के लिए कैलाश विजयवर्गीय को माफी मांगने के लिए बोला और उनके इस बयान को पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना करार दिया है. शुक्ला ने आगे कहा कि इस तरह के बयान से समाज में एक भय का माहौल बन सकता है, यह लोगों के बीच आपसी समरसता बिगाड़ने वाला बयान है. शुक्ला ने उस सेवानिवृत हो चुके सैन्य अधिकारी के बारे में भी पूछा जिन्होंने 30 साल बाद देश में गृहयुद्ध होने की आशंका जताई है. साथ ही सवाल किया कि वो ऐसा किस आधार पर कह रहे हैं.
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