डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दफ्तर के बाहर सन्नाटा पसरा है जबकि बीजेपी के कार्यकर्ता उत्साह में नजर आ रहे हैं. रुझानों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है और पार्टी लगातार अपनी लीड बढ़ाती नजर आ रही है. इस बीच चुनाव नतीजों के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां भी काफी तेज होती दिख रही हैं. रुझानों में बहुमत दिखते ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए पहुंचे हैं. बीजेपी ने इस बार कोई मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है लेकिन नतीजों के बाद से कई नामों पर कयास लगने लगे हैं. हालांकि, जीत का श्रेय अब चौहान की जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ खास तौर पर लाडली बहन स्कीम को भी मिल रहा है.
मध्य प्रदेश चुनाव के नतीजे सुबह जब आने शुरू हुए तो ऐसा लग रहा था कि कांटे की टक्कर है लेकिन 10 बजे तक तस्वीर काफी हद तक साफ होती चली गई. सुबह 11 बजे तक चुनाव आयोग की साइट पर बीजेपी 155 सीटों पर आगे चल रही है. इस बीच ज्योदितरादित्य सिंधिया कुछ खास समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए पहुंचे. बीजेपी दफ्तर के बाहर ढोल नगाड़े पहुंच गए हैं और कार्यकर्ता नाच गाकर जश्न मना रहे हैं.
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बीजेपी ने चुनाव प्रचार में झोंकी थी ताकत
बीजेपी के लिए यह चुनाव मुश्किल लग रहा था और इसलिए बीजेपी ने संगठन के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी मैदान में उतार दिया है. दतिया से प्रदेश सरकार में ग़हमंत्री नरोत्तम मिश्रा ढाई हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं. दूसरी ओर बीजेपी और संघ संगठन ने आखिरी वक्त में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार से लेकर मोहल्ला सभाओं और रैलियों में जमकर पसीना बहाया. खुद सिंधिया और शिवराज ने कई सभाएं कीं और पीएम मोदी भी मैदान में लगातार उतरकर मतदाताओं से अपील करते दिखे. इन सबका असर चुनाव नतीजों पर नजर आ रहा है.
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लाडली बहन योजना बनी गेम चेंजर?
मध्य प्रदेश चुनाव नतीजों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा लाडली बहन योजना को माना जा रहा है. कुछ महीने पहले तक जहां कांटे की टक्कर की बात कही जा रही थी वहीं नतीजों में बीजेपी बंपर बहुमत पाती दिख रही है. राजनीतिक विश्लेषक और स्थानीय मीडिया इसमें आखिरी वक्त में आई शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहन योजना को एक गेम चेंजर मान रहे हैं. आखिरी के एक महीने में सिंधिया और शिवराज ने जमकर सभाएं और रोड शो भी किए.
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